आज 11 सितंबर है। 20 साल पहले आज ही दिन अमेरिका में सबसे बड़ी आतंकी घटना हुई थी। अल कायदा के आतंकियों ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) विमान टकरा दिया था। इसे दो बिल्डिंग्स भरभराकर गिर गई थीं। 9/11 के मेमोरियल में कुल 2983 लोगों के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने इन हमलों में जान गंवाई थी। WTC ढहाने वाला आतंकी अता मोहम्मद था। अता ने अपनी वसीयत में लिखा कि मेरे अंतिम संस्कार में शोर न मचाएं।
अता ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले क्या किया?
बीबीसी के मुताबिक, अमेरिका के पोर्टलैंड स्थित के मेन के कंफर्ट इन होटल के कमरा नंबर 233 में अता ठहरा हुआ था। 11 सितंबर 2001 को सुबह चार बजे मोहम्मद अता की आंख खुली। उसने उठते ही उसी होटल में रह रहे अपने साथी अब्दुल अजीज अल ओमारी को फोन मिलाया। फिर उसने शॉवर में नहाया। उसने अपनी नीले रंग की शर्ट और काली पैंट पहनी। फिर उसने अपने लैपटॉप पर अपनी वसीयत खोली, जिसे उसने अप्रैल 1996 में लिखा था।
वसीयत में दो चीज़ें थोड़ी अजीब थीं। मार्टिन एमिस अपनी किताब 'द सेकेंड प्लेन' में लिखते हैं, ‘अता ने अपनी वसीयत में लिखा था, मैं चाहता हूं कि मेरे अंतिम संस्कार में लोग शोर न मचाएं, क्योंकि ईश्वर चाहता है कि ऐसे मौके पर बिल्कुल चुप रहा जाए। दूसरा मेरे मरने के बाद जो व्यक्ति मेरे जिस्म को नहलाए, वो दस्ताने पहने और मेरे गुप्तांगों (Private Parts) को न छुए। मैं ये भी नहीं चाहता कि कोई गर्भवती महिला या वो शख्स जो साफ-सुथरा न हो. मुझे अंतिम विदाई दे।’ हालांकि, अता का कोई भी निर्देश पूरा नहीं हुआ, क्योंकि आत्मघाती हमले में वह खुद मारा गया।
एक दिन पहले WTC की रेकी करने गया था
'ऑन दैट डे द डेफिनेटिव टाइम लाइन' के राइटर विलियम आर्किन लिखते हैं, ‘5 बजकर 33 मिनट पर अता और उसके साथी ने चेक आउट किया। कमरों का बिल अता के वीजा डेबिट कार्ड से चुकाया गया। इससे एक दिन पहले का समय उन्होंने एटीएम से पैसे निकालने, पिज्जा खाने और वॉलमार्ट से शॉपिंग करने में बिताया। अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (FBI) का मानना है कि उसी दिन अता ने अपनी कार से जाकर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का जाएज़ा भी लिया था।’
कहानी फिर से शुरू हो गई
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की अगुआई में अमेरिका ने आतंक के खिलाफ 2001 में लड़ाई शुरू की। राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका ने अपने ऊपर हुए इस हमले का बदला अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारकर लिया, लेकिन आतंक के खिलाफ दो दशक से चली आ रही उसकी लड़ाई अफगानिस्तान में फिर उसी मोड़ पर आ गई है, जहां से शुरू हुई थी। अफगानिस्तान से 31 जुलाई 2021 को अमेरिकी फौजों की वापसी हो चुकी है और वहां तालिबान फिर से काबिज हो चुका है। हालांकि तालिबान ने कहा है कि वो अफगानिस्तान को आतंकी हमले की साजिश रचने के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा लेकिन सच यही है कि पश्चिमी देशों पर आतंकी हमलों के लिए अफगानिस्तान स्वर्ग बन गया है।
11 सितंबर 2001 को क्या हुआ?
अल कायदा के 19 आतंकियों ने 4 विमान हाईजैक कर अमेरिका पर आत्मघाती हमला किया।
समय : सुबह 8:45 बजे (मंगलवार)
अमेरिकी एयरलाइंस का बोइंग जिसमें 75708 लीटर जेट ईंधन था, वो न्यूयॉर्क के WTC के उत्तरी टॉवर से टकराया। 110 मंजिला इमारत की 80वीं मंजिल आग का गोला बन चुकी थी।
18 मिनट बाद यानी 9:03 बजे
अमेरिकी विमान बोइंग-767 की फ्लाइट संख्या 175 अचानक आसमान से गायब हुई। विमान WTC के दक्षिणी टॉवर की 60वीं मंजिल से टकराया, तब स्पष्ट हुआ कि ये आतंकी हमला है।
9:45 बजे
अमेरिकी एयरलाइंस का विमान 77 अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के हेडक्वार्टर पेंटागन के पश्चिमी हिस्से से टकराया। इसमें 125 सैन्यकर्मी और विमान में सवार 64 लोगों की जान गई थी।
चौथा विमान खाली जगह पर गिरा
न्यूजर्सी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यूनाइटेड फ्लाइट-93 के उड़ान भरने के 40 मिनट बाद आतंकियों ने कब्जा कर लिया था। विमान में सवार लोगों को आतंकी हमले की खबर लग गई थी। यात्रियों ने चार आतंकियों से चलते विमान में लड़ाई शुरू कर दी और 804 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से विमान सुबह 10:10 बजे पेंसिलवेनिया में खाली क्षेत्र में गिर गया। इस घटना में 44 लोगों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन अमेरिका को एक और बड़े विमान हमले से बचा लिया था।