AFRICA. कोरोना वायरस से जूझने के बाद पूरी दुनिया इससे उबरने की जद्दोजहद में लगी हुई है। इसी बीच लगातार मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ता नजर आ रहा है। वहीं इसी सब के बीच एक नया खतरनाक वायरस मारबर्ग (Marburg Virus) भी दुनिया की चिंता बढ़ाने के लिए वजूद में आ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 17 जुलाई 2022 को कहा कि, पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना में बेहद संक्रामक मारबर्ग वायरस के दो मामलों की पुष्टि हुई है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, मारबर्ग वायरस के कारण घाना के दक्षिणी क्षेत्र में बीते माह 2 लोगों की मौत हुई थी। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दोनों मरीजों में दस्त, बुखार, मितली के साथ उल्टी के लक्षण देखे गए थे। इनके कांटेक्ट में तकरीबन 90 लोगों की निगरानी की जा रही है।
मारबर्ग वायरस की अब तक कोई भी दवा या वैक्सीन नहीं है। यह इबोला वायरस की तरह ही जानलेवा और खतरनाक बताया जा रहा है। मारबर्ग का संक्रमण भी चमगादड़ों से ही फैला है।
मारबर्ग वायरस के लक्षण
विशेषज्ञों के मुताबिक, किसी इंसान में मारबर्ग वायरस के लक्षण दिखने में 2 से 21 दिन का समय लगता है। इस वायरस के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, खून की उल्टी और खून का बहना शामिल है। समय पर इलाज नहीं मिलने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है।
2005 में ले चुका 200 की जान
अफ्रीका के दूसरे हिस्सों अंगोला, दक्षिण अफ्रीका, युगांडा, केन्या और कांगो में मारबर्ग वायरस कहर बरपा चुका है। 2005 में अंगोला में मारबर्ग वायरस ने 200 से ज्यादा लोगों की जान ली थी।