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काबुल. अफगानिस्तान से 31 अगस्त को अमेरिकी सेना पूरी तरह से जा चुकी है। 4 सितंबर को तालिबान सरकार का ऐलान होगा। तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर सरकार की अगुआई करेगा। नई सरकार का गठन शुक्रवार (3 अगस्त) को होना था, लेकिन इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया। मुल्ला बरादर के साथ तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई की भी सरकार में अहम भूमिका होगी। तालिबान के सूचना व संस्कृति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्लाह सामंगानी ने कहा कि सभी शीर्ष नेता काबुल पहुंच चुके हैं। सरकार के गठन को लेकर आपसी सहमति बन चुकी है और अब मंत्रिमंडल को लेकर कुछ आवश्यक बातचीत हो रही है।
अखुंदजादा बनाएगा इस्लामिक सरकार का ढांचा
एक वरिष्ठ तालिबान अधिकारी के मुताबिक, संगठन का सुप्रीम लीडर हिबतुल्ला अखुंदजादा धार्मिक मामलों और इस्लाम के दायरे में ईरान की तर्ज पर राजव्यवस्था का ढांचा तैयार करेगा। मौजूदा जानकारी के मुताबिक, नई तालिबान सरकार में 12 मुस्लिम विद्वानों की शूरा या सलाहकारी परिषद के साथ 25 मंत्री होंगे।
तालिबान का दावा- पंजशिर पर हमारा कब्जा
तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा करने का दावा किया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने तालिबान के सूत्रों के हवाले से बताया कि तालिबान ने अब पंजशिर पर भी नियंत्रण कर लिया है। यहां अब तक तालिबान विरोधी गुट का कब्जा था। पंजशिर में अहमद मसूद गुट ने तालिबान विरोध का झंडा थाम रखा था। एक तालिबान कमांडर ने दावा किया कि विरोधियों को हरा दिया गया है और अब पंजशिर हमारे कब्जे में है। हालांकि, इस बात की पूरी तरह पुष्टि नहीं हो पाई है।