कोरोना महामारी के दो साल बाद नॉर्थ कोरिया में गुरुवार को कोविड-19 का पहला केस मिला। नॉर्थ कोरिया ने इसे गंभीर राष्ट्रीय आपातकालीन घटना माना है। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रविवार को प्योंगयांग में बुखार से पीड़ित मरीजों के सैंपल लिए गए थे। जांच के बाद उनमें कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई। नॉर्थ कोरिया में कोरोना का पहला केस मिलने के बाद राष्ट्रपति किम जोंग उन ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की है।
नॉर्थ कोरिया में लगा लॉकडाउन
कोरोना का पहले केस मिलते ही राष्ट्रपति किम जोंग उन ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया। उन्होंने कोरोना से बचाव के उपायों को सख्ती के साथ लागू करने का निर्देश भी दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, उत्तर कोरिया ने 2020 के अंत तक 13,259 संदिग्ध लोगों के सैंपलों की जांच की जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि के बाद किम जोंग उन ने पार्टी के पोलित ब्यूरो और अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाई और कोरोना से बचाव वाले नियमों को सख्ती से लागू करने की घोषणा की। हालांकि विशेषज्ञों की राय है कि नॉर्थ कोरिया की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए देश को कोरोना के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
नॉर्थ कोरिया ने शुरुआत से उठाए सख्त कदम
2020 की शुरुआत में विश्व में कोरोना वायरस के फैलने से पहले उत्तर कोरिया ने वायरस की रोकथाम के लिए बेहद ही सख्त कदम उठाए थे। सरकार ने कोरोना जैसे लक्षण वाले लोगों को देश में प्रवेश नहीं दिया था। साथ ही दो साल के लिए दूसरे देशों की यात्रा और व्यापार को रोक दिया था। पहले से परमाणु हथियारों और मिसाइल को लेकर झेल रहे अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद कोरोना से बचाव के लिए व्यापार और विजिटर्स पर रोक से नॉर्थ कोरिया की अर्थव्यवस्था को बेहद नुकसान हुआ था।