कोरोना के बावजूद साल 2020 में भारत का चाकलेट उद्योग 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े तक पहुंचा था। उम्मीद की जा रही है कि 2021-2026 के दौरान चाकलेट का यह बाजार 11.3% की दर से बढ़ेगा। लेकिन इस सबके बीच इन दिनों जो वायरल हो रहा है, वो है कैडबरी मांसाहारी चाकलेट और उसके बहिष्कार की बातें... क्या सच में कैडबरी अपने चाकलेट प्रोडक्टस में जिलेटिन के रूप में मांस मिला रही है? आइए समझते हैं पूरे मामले को....
देना पड़ी कैडबरी को सफाई
दरअसल सोशल मीडिया पर तेजी से कैडबरी का एक ट्वीट वायरल होने लगा, जिसमें खुद कंपनी के हवाले से ही यह बताया जा रहा है कि कंपनी के प्रोडक्ट्स में जिलेटिन (gelatin) यानी हलाल मीट का प्रयोग होता है... फिर क्या था, दनादन कंपनी और उसके प्रोडक्ट के बहिष्कार और कंपनी पर कानूनी कार्यवाही की मांग ने भी जोर पकड़ लिया। 7278 करोड़ रुपए के टर्न ओवर और चाकलेट 70 परसेंट मार्केट पर कब्जा किए बैठी कैडबरी को आखिरकार अपनी सफाई भी देना पड़ गई। कैडबरी ने अपने ट्विटर हैंडल @DairyMilkIn से बयान जारी किया, उसके उत्पाद 100 फीसदी वेज होते हैं और लोगो को किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से पहले सच्चाई जान लेना चाहिए... हैंडिल से कहा गया है कि कैडबरी के जिस स्क्रीन शॉट को शेयर किया जा रहा है, वह भारत में बने Mondelez/Cadbury इंडिया के उत्पादों के बारे में नहीं है। भारत में बनने और बिकने वाले सभी उत्पाद 100 फीसदी वेजिटेरियन हैं और रैपर्स पर बना हरे रंग का डॉट इसकी पुष्टि करता है।
फिर सच्चाई क्या है?
दरअसल सोशल मीडिया पर एक स्क्रीन शेयर कर यह दावा किया जा रहा था कि कंपनी अपने कई उत्पादों में जिलेटिन gelatin का इस्तेमाल करती है। यह मामला भारत का न होकर आस्ट्रेलिया का है, जिसके जवाब में कैडबरी की आस्ट्रेलियाई शाखा ने बताया था कि उसके उत्पादों में जिस बीफ का इस्तेमाल होता है, वह हलाल मीट होता है। फिर क्या था भारत में इसे मुद्दा बनाकर लपक लिया गया और कंपनी की स्वीकारोक्ति को भारत के संदर्भ में प्रचारित किया जाने लगा। जिसके जवाब में कंपनी को सफाई जारी करनी पड़ी। कैडबरी का यह ट्वीट अभी भी उसके हैंडल पर पिन किया हुआ है।
19 बिलियन डॉलर का है भारत का चाकलेट मार्केट
आपको बता दें कि भारत का चाकलेट मार्केट 19 बिलियन डॉलर का है। और इसमें कैडबरी सबसे बड़ी शेयर होल्डर है। भारत फिलहाल दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते चाकलेट बाजार में शुमार है। अनुमान लगाया जा रहा कि 2021— 2026 के बीच इस सेक्टर में 11.3 प्रतिशत की ग्रोथ होगी, जोकि बेहतरीन मानी जा रही है। कैडबर भारत में मोंडेलेज इंडिया फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिजनेस करती है। कैडबरी के अलावा फेरेरो, नेस्ले, मार्स, आईटीसी, अमूल और हर्षे जैसी कंपनियां भी दौड़ में हैं।