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ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय (University of Oxford) में वैक्सीनोलॉजी (Vaccinology) के एक प्रोफेसर गिल्बर्ट (Professor Gilbert), जिनकी टीम ने अब तक 170 देशों में इस्तेमाल किए जाने वाले कोविड वैक्सीन विकसित किए है। उन्होंने कहा कि कोरोनोवायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में किए गए वैज्ञानिक विकास और अब तक जो भी जानकारी मिली है। हमें उन सब पर भरोसा करने की जरूरत है। क्योंकि हम ऐसा बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि हम फिर से उस भयानक मंजर का सामना करें जिसमें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
कोरोना ने 5 मिलियन से ज्यादा जान ली
कोरोना महामारी के दूसरे रूप ओमिक्रोन से दहशत का माहौल बना हुआ है। बताया जा रहा है कि ये वैरिएंट कोरोना के पुराने रूप से कई गुना ज्यादा भंयकर होगा। इसी बीच ऑक्सफोर्ड / एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के निर्माता ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में अब तक 5 मिलियन से ज्यादा लोगों की जाने गई है, और ये वायरस अभी भी हम लोगों के बीच है। अब हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, उन्होने भी इस बात पर चिंता जताई है कि कोरोना का नया वैरिएंट पहले से कई गुना खतरनाक है।
30 देशों में पाया गया म्यूटेशन खतरे का अलार्म- एस्ट्राजेनेका वैक्सीन निर्माता
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के निर्माता प्रो डेम सारा गिल्बर्ट ने कहा कि 30 अलग-अलग देशों में पाए ओमिक्रोन में जिस तरह का म्यूटेशन देखा गया वो हमें आगाह कर रहा है कि हमें पहले से कहीं ज्यादा सावधान होने की जरूरत है। ये बिमारी आगे चलकर बदतर शक्ल ले सकती है। यह मैसेज ऐसे वक्त में आया है जब एक वैज्ञानिक सलाहकार ने बताया कि नया संस्करण यूके में बहुत तेजी से फैल रहा है। यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने रविवार रात को 86 नए ओमिक्रोन वैरिएंट की जानकारी दी है। इन नए मामलों के साथ यूके में कुल ओमिक्रोन वैरिएंट की संख्या 246 हो गई है।
पहले के मुकाबले कई गुना जिंदगियों पर पड़ेगा बुरा असर
बीबीसी पर प्रसारित होने वाले 44वें रिचर्ड डिम्बलेबी व्याख्यान में गिल्बर्ट ने कहा कि ये कहना गलत नहीं लगता कि दो साल की महामारी में जिस तरह अफरा-तफरी का माहौल हम सबने देखा नया वैरिएंट उससे कहीं ज्यादा खतरनाक होगा। इससे पहले से कई गुना ज्यादा जिंदगियों पर बुरा असर पड़ने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि हम इस बात को भी नहीं मान सकते हैं कि ये वैरिएंट आखिरी ऐसा वायरस है जिससे लोगों का जीवन बर्बाद होने जा रहा। बल्कि सच्चाई तो ये है कि अगवा वैरिएंट इससे भी बुरा और डरावना हो सकता है।
ओमिक्रोन से लड़ने के लिए अब तक मिली जानकारी पर भरोसा करने की जरूरत
ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में वैक्सीनोलॉजी के एक प्रोफेसर गिल्बर्ट, जिनकी टीम ने अब तक 170 देशों में इस्तेमाल किए जाने वाले कोविड वैक्सीन विकसित किए है, उन्होंने कहा कि कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में किए गए वैज्ञानिक विकास और अब तक जो भी जानकारी मिली है हमें उन सब पर भरोसा करने की जरूरत है। क्योंकि हम ऐसा बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि हम फिर से उस भयानक मंजर का सामना करें जिसमें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। ये नुकसान इतना बड़ा है कि इस वक्त हमारे पास दुबारा इस बिमारी से लड़ने के लिए पैसे नहीं बचे। जिस तरह हम युद्धों से बचाव के लिए सशस्त्र बलों और कूटनीति में निवेश करते हैं, ये जरूरी है कि अभी महामारी से बचाव के लिए लोग अनुसंधान, और संस्थानों में जितना हो सके उतना निवेश करे।
mutation बता रहें हैं कि एंटीबॉडी हो सकती है कम असरदार
गिल्बर्ट ने कहा कि नए संस्करण में पहले से ही वायरस के संक्रमण को बढ़ाने के लिए उत्परिवर्तन (mutation)शामिल हैं और टीकाकरण या पिछले संक्रमण से बनी एंटीबॉडी ओमाइक्रोन के संक्रमण को रोकने में कम प्रभावी हो सकते हैं। बढ़ते हुए ओमिक्रोन के सक्रंमण को देखते हुए मंगलवार से, यूके में आने वाले सभी यात्रियों को पीसीआर टेस्ट कराना होगा। नाइजीरिया को भी सोमवार को ट्रैवल रेड लिस्ट में जोड़ा जाएगा। लेकिन साइंटिफिक पैनडेमिक इन्फ्लुएंजा ग्रुप ऑन मॉडलिंग (SPI-M) के प्रो मार्क वूलहाउस ने कहा कि नए यात्रा नियमों में नए नियम बाल करने में बहुत देर हो चुकी है। उन्होनें कहा कि "अगर यूके में ओमिक्रॉन बढ़ता है तो ये तय है कि नए वैरिएंट में community transmission है, और ये अगली लहर लाने के लिए काफी है।
रॉयल कॉलेज ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष ने कहा कि अगर ओमिक्रॉन संस्करण से किसी को अस्पताल में भर्ती होने जैसी नौबत आती है तो यह सबसे मुश्किल दौर होगा। डॉ कैथरीन हेंडरसन ने कहा कि अस्पताल पहले से ही संघर्ष कर रहे हैं। "और खराब हालात और बदतर हो जाएंगे।
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