WASHINGTON: अब इंसान चांद पर गया तो इन 13 जगहों में से ही कहीं रखेगा कदम, NASA ने किया कन्फर्म

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Atul Tiwari
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WASHINGTON: अब इंसान चांद पर गया तो इन 13 जगहों में से ही कहीं रखेगा कदम, NASA ने किया कन्फर्म

WASHINGTON. अमेरिका 3 साल में एक बार फिर चांद पर इंसान को भेजने की तैयारी में है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 13 जगहों की लिस्ट बनाई है, जहां पर यान को उतारा जाएगा यानी इन्हीं जगहों एस्ट्रोनॉट फिर से अपने पैरों के निशान बनाएंगे। जानकारी के मुताबिक, नासा इन एस्ट्रोनॉट्स को अर्टेमिस-3 (Artemis III) मिशन से चांद पर भेजेगा। इसके लिए स्पेसएक्स (SpaceX) के स्टारशिप (Starship) यान का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है। 



चांद पर ये खास जगहें इसलिए चुनी गईं



नासा के मुताबिक, इन इलाकों का चुनाव इसलिए किया गया, क्योंकि यहां बर्फीला पानी मौजूद होने की संभावना है। यहां इंसानी बस्ती भी बसाई जा सकती है। अर्टेमिस कैंपेन डेवलपमेंट डिवीजन के डिप्टी एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर मार्क किरासिच बताते हैं कि इन इलाकों का सिलेक्शन कई चीजों को ध्यान में रखकर किया गया है। ये सभी लैंडिंग साइट्स चांद के अंधेरे वाले इलाके के पास हैं। इससे फायदा ये होगा कि एस्ट्रोनॉट्स उस इलाके की भी स्टडी कर पाएंगे, जिसे ना तो अब तक नहीं देखा गया और ना ही खोजा गया।



ये हैं वो चांद पर 13 प्लेसेस, जहां इंसान लैंड करेगा



इन 13 जगहों के नाम किसी ना किसी साइंटिस्ट, केमिस्ट और फिलॉसफर पर बेस्ड हैं।




  • फॉस्टिनी रिम ए (Faustini Rim A)


  • शैक्लेटॉन के पास की पहाड़ी (Peak Near Shackleton) 

  • कनेक्टिंग रिज (Connecting Ridge)

  • कनेक्टिंग रिज एक्सटेंशन (Connecting Ridge Extension)

  • डी जर्लेश रिम 1 (de Gerlache Rim 1)

  • डी जर्लेश रिम 2 (de Gerlache Rim 2)

  • डी जर्लेश-कोशर मैसिफ (de Gerlache-Kocher Massif)

  • हैवोर्थ (Haworth)

  • मालापर्ट मैसिफ (Malapert Massif)

  • लीबनिट्ज बीटा प्लैट्यू (Leibnitz Beta Plateau)

  • नोबिल रिम 1 (Nobile Rim 1) 

  • नोबिल रिम 2 (Nobile Rim 2)

  • एमंडसेन रिम (Amundsen Rim)  



  • इन जगहों में क्या है खास



    ये सभी 13 स्थान रहने के हिसाब से ज्यादा सेफ हैं और यहां टेम्परेचर भी ठीक रहता है। इनमें से कोई एक या दो स्थानों का चुनाव तब होगा, जब मिशन लॉन्च किया जाएगा। मिशन की लॉन्चिंग के समय के हिसाब से इनमें से किसी को फाइनल किया जाएगा। इनमें से किसी एक जगह पर एस्ट्रोनॉट्स 6 दिन बिताएंगे। 



    नासा ने SpaceX को चुना 



    ये सच है कि नासा का चांद पर इंसान पहुंचाना आसान नहीं होगा। पिछले साल मई में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने चांद पर इंसान भेजने के मकसद से 3 कंपनियों को चुना था, जिसमें स्पेसएक्स, ब्लू ओरिजिन और डायनेटिक्स शामिल हैं।  



    ब्लू ओरिजिन इस डील की प्राथमिक कैंडिडेट हैं। इसकी टीम में लॉकहीड मार्टिन, नॉर्थोप ग्रुम्मेन और ड्रेपर हैं। चांद पर जाने वाला इनका लैंडर तीन स्टेज का होगा। इसमें बीई-7 क्रायोजेनिक इंजल लगा होगा। लॉकहीड क्रू केबिन बनाएगा। नॉर्थोप ग्रुमेन कार्गो और फ्यूल मॉडल और ड्रेपर नाम की कंपनी  गाइडेंस, नेविगेशन, कंट्रोल्स और एवियोनिक्स बनाएगा। फिलहाल इस मिशन में नासा ने सिर्फ SpaceX को चुना है। 



    अमेरिका के चांद पर मैन्ड मिशन



    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा 2024 में अंतरिक्ष एजेंसी चांद पर यान उतारेगी। इस पर 28 बिलियन डॉलर (करीब 2 लाख करोड़ रु) का खर्च आएगा। 16 बिलियन डॉलर (करीब सवा लाख करोड़ रु) मॉड्यूल पर खर्च होंगे। अमेरिका ने 1969 से लेकर 1972 तक अपोलो-11 समेत 6 मिशन चांद पर भेजे थे। सबसे ज्यादा चर्चा अपोलो-11 की रही। इस मैन्ड मिशन में तीन एस्ट्रोनॉट्स थे। आर्मस्ट्रॉन्ग मिशन कमांडर, एडविन ऑल्ड्रिन पायलट और माइकल कॉलिंस सहयोगी पायलट थे। 



    अपोलो-11 कैसे नाकाम होते-होते इतिहास रच गया?



    अपोलो-11 मिशन नाकाम होने वाला था। 20 जुलाई 1969 को आर्मस्ट्रॉन्ग के साथ ऑल्ड्रिन भी चांद की धरती पर उतरे। कॉलिंस यान में ही थे। आर्मस्ट्रॉन्ग और ऑल्ड्रिन को दोबारा से यान तक पहुंचने में दिक्कत हुई। नासा तक इस गड़बड़ी का संदेश पहुंचा दिया गया। नासा ने इस बात को तुरंत तब राष्ट्रपति रहे रिचर्ड निक्सन तक पहुंचाया। निक्सन एडमिनिस्ट्रेशन को पहले ही अंदेशा था कि तीनों एस्ट्रोनॉट धरती पर वापस नहीं आ पाएंगे। इसके लिए व्हाइट हाउस के स्पीचराइटर बिल सफायर ने 18 जुलाई 1969 को 'इन इवेंट ऑफ मून डिजास्टर' के नाम से शोक संदेश तैयार कर दिया था। हालांकि ये भाषण कभी पढ़ा ही नहीं गया क्योंकि तीनों एस्ट्रोनॉट्स धरती पर वापस आ गए।  मिशन को 16 जुलाई को लॉन्च किया गया था और 24 जुलाई 1969 को अपोलो-11 वापस आ गया।   



    'इन इवेंट ऑफ मून डिजास्टर'



    सफायर ने व्हाइट हाउस के तब चीफ ऑफ द स्टाफ रहे हैरी रॉबिंस हेल्डमैन को शोक संदेश की कॉपी भेजी। इसमें लिखा था, "जैसा कि हमारे भाग्य में लिखा था कि तीनों लोग चांद पर शांति की खोज में गए थे। अब वे चांद पर ही शांति से रहेंगे। ये बहादुर लोग, नील आर्मस्ट्रॉन्ग और एडविन ऑल्ड्रिन जानते थे कि कोई उम्मीद बाकी नहीं है लेकिन वो ये भी जानते हैं कि उनकी कुर्बानी से मानवता के लिए उम्मीद जगेगी। इन दोनों शख्सियतों ने मानवता के सबसे बड़े मकसद सत्य की खोज और समझबूझ के लिए जान दे दी। उन्हें उनका परिवार और दोस्त ही नहीं देश भी श्रद्धांजलि देगा। उन्हें पूरी दुनिया के लोग याद करेंगे। उनके लिए हमारी मातृभूमि भी शोक मनाएगी। अपने अभियान में उन्होंने महसूस कराया कि दुनिया के लोग एक हैं। उनके बलिदान ने पूरी दुनिया को मजबूत रिश्ते में बांध दिया है। प्राचीन काल में लोग तारों की एक खास बनावट में योद्धाओं (हीरो) को देखा करते थे। आधुनिक काल में भी हम ऐसा ही करेंगे। हमारे हीरो पौराणिक काल के युद्ध में तलवार से जख्मी योद्धा होंगे। मनुष्य की खोज को कभी नकारा नहीं जा सकता। ये लोग चांद पर जाने वाले पहले शख्स थे। ये हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे। रात में चांद की तरफ देखने वाला हर शख्स ये जानेगा कि वहां पर कोई कोना ऐसा है जहां मानवता हमेशा जिंदा रहेगी।''


    Moon Landing Places चांद की दक्षिणी ध्रुव नासा ने चांद की जगह बताई चांद की धरती पर एस्ट्रोनॉट्स की लैंडिंग चांद पर उतरने वाला पहला आदमी इंसान की चांद पर लैंडिंग चांद पर उतरने की जगहें Manned Mission on Moon Moon South Pole NASA Define Moon Places Astronaut Landing on Moon Surfaces First Man on Moon Human Landing on Moon