प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘द सिडनी डायलॉग’(PM Narendra Modi address at Sydney Dialogue) प्रोग्राम को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि भारत के लोगों के लिए बड़े सम्मान की बात है कि आपने मुझे सिडनी डायलॉग के संबोधन के लिए आमंत्रित किया। मैं इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उभरती डिजिटल दुनिया में भारत की केंद्रीय भूमिका की मान्यता के रूप में देखता हूं।
क्रिप्टोकरंसी पर मोदी की चेतावनी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान क्रिप्टोकरेंसी (Cryptourrency) पर भी अपनी राय रखी। अपनी स्पीच में मोदी ने बिटक्वाइन का उदाहरण देते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे तकनीकी नवाचारों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों को आगाह किया। पीएम ने पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर क्रिप्टोकरंसी पर बात की। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर ये तय करना होगा कि क्रिप्टोकरंसी गलत हाथों में न चली जाए वरना ये हमारे युवाओं को तबाह कर देगी।
खुलापन लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत
पीएम ने कहा कि टेक्नोलॉजी ग्लोबल कॉम्पीटिशन का प्रमुख साधन बन गई और भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने की कुंजी है। टेक्नोलॉजी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। हमें वेस्टर्न इंटरेस्ट के स्वार्थों को इसका दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए।