MUNICH: जी-7 समिट में हिस्सा लेने जर्मनी पहुंचे मोदी, NRIs से बात करते हुए वैक्सीन, इमरजेंसी, बैंकिंग समेत 8 बातों का जिक्र

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Atul Tiwari
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MUNICH: जी-7 समिट में हिस्सा लेने जर्मनी पहुंचे मोदी, NRIs से बात करते हुए वैक्सीन, इमरजेंसी, बैंकिंग समेत 8 बातों का जिक्र

Berlin. जी-7 (G-7) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी पहुंचे। यहां म्यूनिख में प्रवासी भारतीयों (NRIs) ने मोदी का स्वागत किया। इस बीच मोदी ने म्यूनिख में एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आप सभी के बीच आकर बहुत ही खुश महसूस कर रहा हूं। मैं आप सभी में भारत की संस्कृति, एकता और बंधुत्व के भाव का दर्शन कर रहा हूं। आपका ये स्नेह मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा। आपके इस प्यार, उत्साह और उमंग से जो लोग हिंदुस्तान में देख रहे हैं, उनका सीना भी गर्व से भर गया होगा।




— ANI (@ANI) June 26, 2022



मोदी के भाषण की 8 प्रमुख बातें



1. 47 साल पहले लोकतंत्र को बंधक बनाने का प्रयास हुआ था



उन्होंने कहा कि आज का दिन 26 जून एक और वजह से जाना जाता है। जो लोकतंत्र हमारा गौरव है, जो लोकतंत्र हर भारतीय के DNA में है, आज से 47 साल पहले इसी समय उस लोकतंत्र को बंधक बनाने, लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था। आपातकाल के कालखंड भारत के वाइब्रेंट डेमोक्रेटिक इतिहास में एक काले धब्बे की तरह है, लेकिन इस काले धब्बे पर सदियों से चली आ रही लोकतांत्रिक परंपराओं की श्रेष्ठता भी पूरी शक्ति के साथ विजयी हुई, लोकतांत्रिक परंपराएं इन हरकतों पर भारी पड़ी। भारत के लोगों ने लोकतंत्र को कुचलने की सारी साजिशों का जवाब, लोकतांत्रिक तरीके से ही दिया। हम भारतीय कहीं भी रहें, अपनी डेमोक्रेसी पर गर्व करते हैं। हर हिंदुस्तानी गर्व से कहता है, भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है।



2. 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज दे रहा भारत



आज भारत के हर गरीब को 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है। कोरोना के इस समय में भारत पिछले दो साल से 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज सुनिश्चित कर रहा है। इतना ही नहीं, आज भारत में औसतन हर 10 दिन में एक यूनिकॉर्न बन रहा है। आज भारत में हर महीने औसतन 5 हजार पेटेंट फाइल होते हैं। आज भारत हर महीने औसतन 500 से ज्यादा आधुनिक रेलवे कोच बना रहा है। आज भारत हर महीने औसतन 18 लाख घरों को पाइप वॉटर सप्लाई से जोड़ रहा है।



3. भारत का हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ा



आज 21वीं सदी का भारत चौथी औद्योगिक क्रांति में, इंडस्ट्री 4.0 में पीछे रहने वालों में नहीं, बल्कि इस औद्योगिक क्रांति की अगुआई करने वालों में से एक है। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और डिजिटल टेक्नोलॉजी में भारत अपना परचम लहरा रहा है। आज भारत के हर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है। आज भारत का लगभग हर गांव, सड़क मार्ग से जुड़ चुका है। आज भारत के 99% से ज्यादा लोगों के पास क्लीन कुकिंग के लिए गैस कनेक्शन है। आज भारत का हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ा हुआ है।



4. भारत ‘होता है, चलता है, ऐसे ही चलेगा’ की सोच से बाहर



दुनिया में हो रहे रियल टाइम डिजिटल पेमेंट्स में से 40% ट्रांजैक्शन भारत में हो रहे हैं। आज भारत डेटा कंजम्प्शन में नए रिकॉर्ड बना रहा है। भारत उन देशों में है, जहां डेटा सबसे सस्ता है। आज का भारत “होता है, चलता है, ऐसे ही चलेगा” वाली मानसिकता से बाहर निकल चुका है। आज भारत ‘करना है’ ‘करना ही है’ और ‘समय पर करना है’ का संकल्प रखता है।



5. 90% आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लगीं



भारत में 90% वयस्क आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। 95% वयस्क ऐसे हैं, जो कम से कम एक डोज ले चुके हैं। ये वही भारत है, जिसके बारे में कुछ लोग कह रहे थे कि सवा अरब आबादी को वैक्सीन लगाने में 10-15 साल लग जाएंगे। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो भारत में वैक्सीन का आंकड़ा 196 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है। मेड इन इंडिया वैक्सीन ने भारत के साथ ही दुनिया के करोड़ों लोगों की कोरोना से जान बचाई है।



6. पिछले साल सबसे ज्यादा निर्यात किया



मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी भारत के लोगों का हौसला ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। पिछले साल हमने अब तक का सबसे ज्यादा निर्यात किया है। ये इस बात का सबूत है कि एक ओर हमारे निर्माताओं नए अवसरों के लिए तैयार हो चुके हैं। वहीं दुनिया भी हमें उम्मीद और विश्वास से देख रही है।



7. भारत अब तत्पर है, तैयार है, अधीर है



भारत अब तत्पर है, तैयार है, अधीर है। भारत अधीर है, प्रगति के लिए, विकास के लिए। भारत अधीर है, अपने सपनों के लिए, अपने सपनों की सिद्धि के लिए। जलवायु परिवर्तन, आज ये भारत में केवल सरकारी नीतियों का मुद्दा नहीं है। भारत का युवा EV और ऐसी ही दूसरी जलवायु के पक्ष में टेक्नॉलोजी में निवेश कर रहा है। सतत जलवायु प्रथाएं आज भारत के सामान्य से सामान्य मानव के जीवन का हिस्सा बन रही हैं।



8. लोगों को भरोसा कि उनका पैसा ईमानदारी से देश के लिए लग रहा



भारत ने बीते साल 111 बिलियन डॉलर के इंजीनियरिंग गुड्स का एक्सपोर्ट किया है। भारत के कॉटन और हैंडलूम उत्पादों के निर्यात में भी 55% की बढ़ोतरी हुई है। आज स्वच्छता भारत में एक जीवनशैली बन रही है। भारत के लोग, भारत के युवा देश को स्वच्छ रखना अपना कर्तव्य समझ रहे हैं। आज भारत के लोगों को भरोसा है कि उनका पैसा ईमानदारी से देश के लिए लग रहा है, भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ रहा। आजादी के 75वें वर्ष में भारत अभूतपूर्व समग्रता और इससे प्रोत्साहित होने वाली करोड़ो आकांक्षाओं का गवाह बन रहा है। भारत आज अभूतपूर्व संभावनाओं से भरा है।


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