COLOMBO: क्या राष्ट्रपति भवन में बने खुफिया बंकर से निकल गए गोटबाया राजपक्षे, देखें Video; मदद को लेकर भारत ने ये कहा

author-image
Atul Tiwari
एडिट
New Update
COLOMBO: क्या राष्ट्रपति भवन में बने खुफिया बंकर से निकल गए गोटबाया राजपक्षे, देखें Video; मदद को लेकर भारत ने ये कहा

COLOMBO. श्रीलंका में अब भी प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच एक सवाल सभी के मन में है- आखिर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे कहां गए? ऐसी कौन सी जगह है, जहां से वे भाग लिए? कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में गोटबाया के भागने की जगह ढूंढने का दावा किया गया है। राष्ट्रपति भवन में एक खुफिया बंकर मिला है। ऐसा कहा जा रहा है कि गोटबाया ने उस बंकर के सहारे ही अपनी जान बचाई और वे राष्ट्रपति भवन छोड़ चले गए।



ये खुफिया बंकर बड़ी ही चालाकी के साथ अंडरग्राउंड निर्माण किया गया है। एक नकली दरवाजे के जरिए उस बंकर को ऐसे छिपाया गया है कि पहली नजर में किसी को भी शक नहीं होगा। बंकर तक जाने के लिए बाकायदा लिफ्ट भी लगी है। इस बीच भारत ने कहा कि हम हर हाल में श्रीलंका के लोगों के साथ हैं। 




— The Summer News (@TheSummerNews2) July 10, 2022



एक सवाल ये भी...



अब क्या राजपक्षे की तरफ से इसी खुफिया बंकर का इस्तेमाल किया गया, ये अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन जिस तरह से बिना किसी को भनक लगे वे वहां से भाग गए। जानकार अनुमान जरूर लगा रहे हैं कि इस बंकर का इस्तेमाल हुआ होगा। बड़ी बात ये भी है कि ये सुरक्षित रास्ता पहले तल के एक कमरे में आलमारी के साथ बनाया गया है, ताकि किसी को ये खुफिया रास्ता ना पता चले।




Bunker

गोटबाया राजपक्षे के घऱ में बंकर बना है। इसे आलमारी के पीछे बनाया गया है।




ऐसे है श्रीलंका के हालात



अभी राजपक्षे गैरमौजूदगी में श्रीलंका के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। एक तरफ सड़क पर अगर प्रदर्शनकारी हिंसक हो रहे हैं तो राष्ट्रपति भवन पर भी उनका कब्जा कई सवाल खड़े कर रहा है। जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन की तमाम सुविधाओं का लुत्फ उठाते दिख रहे हैं। कोई स्वीमिंग पूल में मजे कर रहा है तो कोई बिस्तर पर आराम फरमा रहा है। कुछ प्रदर्शनकारी किचन में जाकर खाना पका रहे हैं, कोई शराब का सेवन कर रहा है तो कोई सिर्फ अलग-अलग जगहों से सेल्फी क्लिक कर रहा है।



इस प्रोटेस्ट में यूथ और स्टडेंट भी शामिल हैं. यहां लोगों का कहना कि गोटबाया तत्काल इस्तीफा दें. हालांकि, गोटबाया की तरफ से कहा गया है कि वे 13 जुलाई को प्रेसिडेंट पद से इस्तीफा दे देंगे। लेकिन लोग इंतजार करने के लिए तैयार नहीं हैं। वे तत्काल पद छोड़ने की मांग पर अड़े हैं। इसी वजह से ये प्रदर्शन शांत होने के बजाय और ज्यादा उग्र होता जा रहा है.



वर्तमान स्थिति की बात करें तो पिछले एक हफ्ते से लोगों को फ्यूल का इंतजार है। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के पास भी ईंधन नहीं बचा है। फ्यूल का संकट इतना गहरा गया कि वाहनों की आवाजाही लगभग ठप हो गई है। इसके अलावा श्रीलंका के पास खाद्य सामग्री भी खत्म होने की कगार पर है। महंगाई के रोज टूटते रिकॉर्ड ने भी चुनौती को और ज्यादा बढ़ा दिया है। जानकार मान रहे हैं कि अब श्रीलंका में जल्द ही सत्ता परिवर्तन हो जाएगा। चुनाव करवाए जाएंगे और फिर किसी नए नेता के नेतृत्व में वर्तमान संकट से लड़ा जाएगा. 



भारत का क्या रुख?



श्रीलंका के मौजूदा हालात पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत श्रीलंका का सबसे करीबी पड़ोसी है। दोनों देश में गहरा बंधन है। हमें उन तमाम चुनौतियों की जानकारी है, जिनका श्रीलंका और वहां के लोग सामना कर रहे हैं। हम (भारत) श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं, क्योंकि उन्होंने इस कठिन दौर से उबरने की कोशिश की है। श्रीलंका हमारी नेबरहुड फर्स्ट नीति के केंद्र में है। भारत ने श्रीलंका में गंभीर आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए इस साल 3.8 बिलियन डॉलर से ज्यादा दिए हैं।


economic crisis आर्थिक संकट President PM प्रधानमंत्री Sri Lanka Political Crisis श्रीलंका राजनीतिक संकट राष्ट्रपति Ranil Wickremesinghe Gotabaya Rajapaksa रानिल विक्रमसिंघे गोटबाया राजपक्षे Bunker बंकर