Colombo. गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भागे, पहुंचे मालदीव, आज ही होना था इस्तीफे का एलान, श्रीलंका में आर्थिक संकट और गहराया 

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Vivek Sharma
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Colombo. गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भागे, पहुंचे मालदीव, आज ही होना था इस्तीफे का एलान, श्रीलंका में आर्थिक संकट और गहराया 

Colombo. संकटग्रस्त श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए हैं। वह भागकर मालदीव पहुंचे हैं। राष्ट्रपति के रूप में राजपक्षे को गिरफ्तारी से छूट प्राप्त है, और माना जा रहा है कि हिरासत में लिए जाने की संभावना से बचने के लिए वह देश छोड़कर चले गए हैं। वह कई दिनों से भागने की कोशिश कर रहे थे।  वह किस तरह भागने में कामयाब रहे, अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। हाल ही में राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों के कब्जे के बाद राजपक्षे यहां से भागकर किसी अज्ञात जगह चले गए थे। उनके इस्तीफे का 13 जुलाई यानी आज आधिकारिक एलान होना था। गोटाबाया राजपक्षे का हस्ताक्षरित इस्तीफा एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंप दिया गया था जो इसे संसद अध्यक्ष को सौंपेंगे। 13 जुलाई को इसकी औपचारिक घोषणा होनी थी। श्रीलंका में सड़क पर विरोध को देखते हुए अब सर्वदलीय सरकार बनने पर मंत्रिमंडल इस्तीफा देगा। 

इससे पहले श्रीलंका के पूर्व वित्तमंत्री और राष्ट्रपति राजपक्षे के छोटे भाई बासिल राजपक्षे की देश छोड़कर भागने की कोशिश नाकाम रही। बासिल को कोलंबो हवाई अड्डे के वीआईपी टर्मिनल से देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन एक आव्रजन अधिकारी ने उन्हें पहचान लिया और उनकी यात्रा को क्लीयरेंस देने से इंकार कर दिया। 



दुबई या अमेरिका भागने की कोशिश में थे 



बताया जा रहा है कि वह दुबई या अमेरिका भागने की कोशिश में थे। वह सुबह 12:15 बजे चेक इन काउंटर पर पहुंचे और वहां 3:15 बजे तक रहे। उन्हें एयरपोर्ट पर लोगों के पहचान लिया और आव्रजन अधिकारी के क्लीयरेंस देने से मना करने पर उन्हें हवाई अड्डा छोड़कर वापस लौटना पड़ा। बता दें कि देश में शक्तिशाली राजपक्षे परिवार के खिलाफ जन आक्रोश को देखते हुए 71 वर्षीय बासिल ने पहले ही वित्तमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 



राजपक्षे को अमेरिका ने नहीं दिया वीजा



गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका छोड़कर अमेरिका भागना चाहते थे, लेकिन अमेरिका ने उन्हें वीजा नहीं दिया। राजपक्षे के पास श्रीलंका और अमेरिका की दोहरी नागरिकता थी, लेकिन 2019 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उन्होंने अपनी अमेरिका की नागरिकता छोड़ दी थी।

दरअसल, श्रीलंका के संविधान में सिंगल सिटीजनशिप का प्रवाधान है। ऐसे में उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए सिर्फ श्रीलंका का नागरिक होना जरूरी था।



एक वक्त का भोजन भी मुहाल



दूसरी ओर श्रीलंका में हालात इतने खराब हो गए हैं कि एंबुलेंस चलाने के लिए भी डीजल-पेट्रोल नहीं बचा है। एंबुलेंस सेवा ने जनता से कॉल न करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हम सेवा देने में असमर्थ हैं। लोगों को एक वक्त का खाना भी अच्छे से नहीं मिल पा रहा है। खाने-पीने वाले उत्पादों के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं। दाल की कीमतें तीन गुना बढ़ चुकी हैं। हालात इतने नाजुक हैं कि यहां भुखमरी और कुपोषण जैसे हालात पैदा हो रहे हैं।



कार-बाइक छोड़ साइकल पर आए लोग



श्रीलंका में ईंधन की कमी के चलते लोग पेट्रोल पंपों पर कतार में लगे रहते हैं। बड़ी संख्या में लोग अपने दैनिक आवागमन में कार-बाइक छोड़कर साइकिल पर आ गए हैं। स्थानीय लोग अक्सर कार्यालयों और कॉलेजों में साइकिल की सवारी करते देखे जा सकता हैं। लोगों का कहना है कि न तो वे मौजूदा कीमत पर तेल खरीद सकते हैं और न ही उनके पास लंबी कतारों में खड़े होने का समय है।



 प्रेमदासा होंगे अंतरिम राष्ट्रपति



श्रीलंका की प्रमुख विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगया (SJB) के प्रमुख सजित प्रेमदासा श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति बनाए गए हैं। SJB ने निर्विवादित रूप से प्रेमदास को अंतरिम राष्ट्रपति के पद के लिए नॉमिनेट किया। श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव 20 जुलाई को होना है और 15 जुलाई को संसद का सत्र बुलाया जाएगा।


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