काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते आतंक का शिकार अब पत्रकार भी हो रहे है। तालिबान ने 51 मीडिया कार्यालय को बंद करवा दिया है। इससे 1 हजार से ज्यादा पत्रकारों की नौकरी चली गई। इनमें 150 महिलाएं थी। कुछ वक्त पहले ही अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत सरकार से मदद मांगी थी।
चार नेटवर्क समेत 16 कार्यालय बंद
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सूचना मंत्रालय ने 3 अगस्त को यह जानकारी दी थी कि 4 टीवी नेटवर्क समेत 16 कार्यालय बंद कर दिए गए है। ये कार्यालय हेलमंड प्रांत में थे। दरअसल, जिन कार्यालय में काम बंद किया गया है, उनमें से 6 मीडिया संस्थानों ने तालिबान की आवाज बनना स्वीकार किया। तालिबान इन्हें अपने तरीके से चला रहा है । अपनी आवाज वो इन संस्थानों से पहुंचाना चाहता है। ये अलग- अलग जिलों में स्थापित है।
एक हजार से ज्यादा पत्रकारों की नौकरी गई
मीडिया रिपोर्टस की माने तो 51 कार्यालय बंद होने से 1 हजार से ज्यादा पत्रकारों की जॉब चली गई। इनमें 150 महिलाएं शामिल है। बढ़ती हिंसा की वजह से कई पत्रकारों की जान भी चली गई। अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि कितने पत्रकारों की जान गई है। अफगानिस्तान में चल रही हिंसा ने पूरे विश्व की चिंता बढ़ा दी है।