नई दिल्ली. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी आर्मी को बड़ा आदेश दिया है। पुतिन ने परमाणु प्रतिरोधी बलों की अलर्ट रहने के लिए कहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस कभी भी बड़ा कदम उठा सकता है। रूसी सेना यूक्रेन के दूसरे बड़े शहर खारकीव में घुस गई हैं, जहां पर युद्ध जारी है। इससे पहले यूक्रेनी सरकार ने दावा किया था कि कीव में रूसी हमले को नाकाम कर दिया गया है। इसके बाद रूस ने सेना को राजधानी पर चौतरफा हमला करने का कथित आदेश दिया है। वहीं, इस बीच यूक्रेन ने बेलारूस की सीमा पर रूस के साथ बातचीत के लिए हामी भर दी है।
आदेश के मायने: परमाणु प्रतिरोधी बलों को अलर्ट रखने का मतलब है कि पुतिन ने रूस के परमाणु हथियारों को लॉन्च करने की तैयारी के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद, यह खतरा बढ़ गया है कि यह तनाव अब परमाणु युद्ध में बदल सकता है। पुतिन ने अपने फैसले के लिए पश्चिम देशों के कठोर आर्थिक प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराया है। इस आदेश के बाद परमाणु निगरानी एजेंसी ने भी एक अहम बैठक करने का फैसला किया है। यह बैठक 2 मार्च को की जाएगी। इसमें 35 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
आज रात वार्ता संभव: रूस के रक्षा, विदेश मंत्रालयों के कई अधिकारी और मंत्री समेत राष्ट्रपति प्रशासन के कई अधिकारी वार्ता के लिए बेलारूस के होमेल शहर पहुंच चुके थे। बेलारूस पहुंचे रूसी दल ने कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। हम यूक्रेन के प्रतिनिधि मंडल का इंतजार कर रहे हैं। इधर यूक्रेन भी बातचीत के लिए तैयार हो गया है। इंटरनेशनल मीडिया के मुताबिक, आज देर रात यूक्रेन और रूस के डेलिगेशन बेलारूस और यूक्रेन को जोड़ने वाली सीमा पर बातचीत करने जा रहे हैं।
इंडियन्स के लिए ऑपरेशन गंगा: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे हमारे नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया है। यह निकासी प्रक्रिया सरकारी खर्च पर होगी। यूक्रेन से हमारे लगभग 1000 नागरिकों को रोमानिया और हंगरी के रास्ते निकाला जा चुका है। 1000 अन्य को लैंड रूट के माध्यम से यूक्रेन से निकाला गया हैय़ कीव में हमारे दूतावास और हमारे मंत्रालय ने स्थिति विकसित होने से पहले कई एडवाइजरी को जारी किया था। हमारे 4,000 नागरिक इन सलाहों के अनुसार संघर्ष से पहले चले आए। हमने अनुमान लगाया कि यूक्रेन में लगभग 15,000 नागरिक बचे हैं। रोमानिया और हंगरी के लिए बॉर्डर क्रॉसिंग कार्यरत है। पोलैंड के लिए बॉर्डर के रास्ते लाखों की संख्या में यूक्रेनी नागरिक और दूसरे देशों के लोगों द्वारा यूक्रेन छोड़ने के प्रयास के चलते वहां समस्या का सामना करना पड़ रहा है।