Delhi. अमेरिका (US) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में आतंकवाद विरोधी अभियान (Counter-Terrorism Operation) में अल-कायदा (Al-Qaeda) का चीफ अयमान अल-जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) को मार गिराया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने इसकी पुष्टि की है. खुफिया सूचना मिलने के बाद रविवार दोपहर ही जवाहिरी पर ड्रोन स्ट्राइक की गई थी, जिसमें उसकी मौत हो गई। जवाहिरी ने 2011 में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद इस आतंकी संगठन की कमान संभाली थी। जवाहिरी के मारे जाने के बाद बाइडेन ने कहा कि जवाहिरी ने "अमेरिकी नागरिकों (American Citizens) के खिलाफ हत्या और हिंसा का एक रास्ता तराशा था". उन्होंने कहा, "अब न्याय मिल गया है और यह आतंकवादी नेता नहीं रहा."अधिकारियों ने कहा कि जवाहिरी एक सुरक्षित घर की बालकनी (Balcony) में था जब ड्रोन (Drone) ने उस पर दो मिसाइलें (Missiles) दागीं। उन्होंने कहा कि मौके पर परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे, लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ और केवल जवाहिरी मारा गया। यह ड्रोन स्ट्राइक अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की स्पेशल टीम ने की। 2011 में ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) की मौत के बाद जवाहिरी ने अल-कायदा को अपने नियंत्रण में ले लिया था। वह और लादेन संयुक्त राज्य अमेरिका पर 9/11 के हमलों (9/11Attacks) के मास्टरमाइंड थे. जवाहिरी वह अमेरिका के "मोस्ट वांटेड आतंकवादियों" में से एक था। जवाहिरी अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से ही काबुल में रह रहा था। वहीं अमेरिकी एक्शन पर तालिबान भड़क गया है और इसे दोहा समझौते का उल्लंघन बताया है।
बाइडेन बोले- ढूंढकर मारा, ऑपरेशन कामयाब
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अल जवाहिरी के मारे जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा- हमने जवाहिरी को ढूंढकर मार दिया है। अमेरिका और यहां के लोगों के लिए जो भी खतरा बनेगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे। हम आतंक पर अफगानिस्तान में अटैक जारी रखेंगे।
9/11 अटैक का आरोपी था अल जवाहिरी
11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने 4 कॉमर्शियल प्लेन हाइजैक कर अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर टकरा दिए थे। अमेरिका में इसे 9/11 अटैक के नाम से जाना जाता है। इस अटैक में 93 देशों के 2 हजार 977 लोग मारे गए थे। इस हमले में ओसामा बिन लादेन, अल जवाहिरी समेत अलकायदा के सभी टेररिस्टों को अमेरिकी जांच एजेंसी ने आरोपी बनाया था।
2 बार बच निकला था जवाहिरी
जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिका इससे पहले भी कई बार कोशिश कर चुका था। 2001 में जवाहिरी के अफगानिस्तान के तोरा बोरा में छिपे होने की सूचना मिली थी। मगर, हमला होने से पहले जवाहिरी भाग निकला। हालांकि, इस हमले में उसकी बीवी और बच्चे मारे गए। वहीं 2006 में जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने फिर से जाल बिछाया था। उस वक्त पाकिस्तान के दामदोला में उसके छिपे होने की सूचना मिली थी। मगर, मिसाइल हमला होने से पहले जवाहिरी वहां से भाग निकला था।
अप्रैल में जारी किया था अंतिम वीडियो
अल जवाहिरी ने इसी साल अप्रैल में 9 मिनट का एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में उसने फ्रांस, मिस्र और हॉलैंड को इस्लाम विरोधी देश बताया था। वीडियो में जवाहिरी ने भारत में हिजाब विवाद को लेकर भी बेतुका बयान दिया था।
क्या कहा तालिबान ने?
तालिबान (Taliban) के एक प्रवक्ता ने अमेरिकी ऑपरेशन (US Operation) को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन बताया। प्रवक्ता ने कहा, "इस तरह की कार्रवाइयां पिछले 20 वर्षों के असफल अनुभवों की पुनरावृत्ति हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका, अफगानिस्तान और क्षेत्र के हितों के खिलाफ हैं.। मिस्र के इस्लामिक जिहाद आतंकवादी समूह की स्थापना में मदद करने वाले एक नेत्र सर्जन (Eye Surgeon) जवाहिरी ने मई 2011 में बिन लादेन को अमेरिकी सेना द्वारा मारे जाने के बाद अल-कायदा का नेतृत्व संभाला था। इससे पहले, जवाहिरी को अक्सर बिन लादेन का दाहिना हाथ और अल-कायदा का मुख्य विचारक कहा जाता था। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के हमलों के पीछे उसका ही "संचालन दिमाग" (Operational Brains) था.
- अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था। अरबी और फ्रेंच बोलने वाला जवाहिरी पेशे से सर्जन था। 14 साल की उम्र में वह मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था।