इंटरनेशनल डेस्क. ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद लूपलाइन में जा चुका अलकायदा एक बार फिर सिर उठा रहा है। यूएन ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है। दावा है कि अलकायदा जम्मू कश्मीर समेत बांग्लादेश और म्यांमार तक अपनी जड़ें फैलाने की कोशिश कर रहा है ताकि वह ज्यादा से ज्यादा आतंकी घटनाओं को अंजाम दे सके। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय उपमहाद्वीप के इन देशों में अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट के 2 सौ लड़ाके मौजूद हैं। इस संगठन का लीडर ओसामा महमूद है। जबकि अफगानिस्तान में इस संगठन के 4 सौ लड़ाके तैयार हो रहे हैं। वर्तमान में यह संगठन तालिबान से अपने ताल्लुकात गहरे करने पर ध्यान दे रहा है। अलकायदा और इस्लामिक स्टेट के अभियानों पर नजर रखने वाली यूएनएससी की टीम ने अपनी रिपोर्ट जारी कर भारत को इस बाबत आगाह कर दिया है।
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पाकिस्तान में भी हमले की प्लानिंग
दावा किया जा रहा है कि यह संगठन टीपीपी में शामिल होकर तालिबान का सपोर्ट पाने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट लगातार टीपीपी को पाकिस्तान में ज्यादा से ज्यादा आतंकी हमले करने में हेल्प कर रहा है। बता दें कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता कब्जाने वाले तालिबान और अल कायदा के ताल्लुकात काफी गहरे हैं। यूएन की रिपोर्ट की मानें तो अलकायदा अफगानिस्तान में खुफिया तौर पर काम करता है ताकि तालिबान पर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप न लगें। वरना उसे अफगानिस्तान की सरकार के तौर पर स्वीकृति नहीं मिलेगी।
अल जवाहिरी ने रखी थी बुनियाद
बता दें कि एक्यूआईएस की शुरुआत साल 2014 में पूर्व अलकायदा प्रमुख अयमान अल जवाहिरी ने की थी। पाकिस्तानी मूल का असीम उमर इसका पहला सदस्य बना था। उस दौरान जारी किए वीडियो में अल जवाहिरी ने इंडिया के खिलाफ जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की चेतावनी दी थी। वर्तमान में इस संगठन को ओसामा महमूद नाम का पाकिस्तानी चला रहा है। 2019 में यूएस-अफगान मिलिट्री ऑपरेशन में असीम उमर की मौत के बाद ओसामा ने इसकी बागडोर अपने हाथ में ले ली थी।