इंटरनेशनल न्यूज. रूस में प्रेसिडेंट व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ 24 जून को बगावत की नाकाम कोशिश करने के बाद वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोजिन अब तक नजर नहीं आए हैं। अब एक पूर्व अमेरिकी जनरल ने दावा किया है कि शायद वैगनर चीफ जिंदा ही नहीं हैं। एक अमेरिकी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में जनरल रॉबर्ट अब्राहम ने कहा- मुझे नहीं लगता कि प्रिगोजिन को हम फिर कभी देख पाएंगे। मैं इस बात को मानने के लिए भी तैयार नहीं हूं कि पुतिन और प्रिगोजिन की 29 जून को मॉस्को में मुलाकात हुई थी। पुतिन झूठ बोल रहे हैं।
सब पुतिन की तरफ से फैलाया गया झूठ हैः जनरल रॉबर्ट
जनरल रॉबर्ट ने कहा- 24 जून को बगावत की नाकाम कोशिश के बाद प्रिगोजिन को किसने देखा? वो कहां हैं, ये किसको पता है? रूस सरकार दावा कर रही है कि प्रेसिडेंट पुतिन और वैगनर चीफ की 29 जून को क्रेमलिन में मुलाकात हुई थी। इसका क्या सबूत है? मुझे लगता है कि ये सब पुतिन की तरफ से फैलाया गया झूठ है। जनरल ने आगे कहा- मुझे लगता है कि अब कोई और कभी प्रिगोजिन को किसी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर नहीं देख सकेगा। वो किसी जेल में भी नहीं हैं। मुझे लगता है कि वो शायद अब जिंदा ही नहीं हैं। अगर हैं तो रूस सरकार को कोई सबूत देना चाहिए। अगर पुतिन और प्रिगोजिन की 29 जून को मुलाकात हुई थी तो कोई वीडियो या फोटो सामने क्यों नहीं आया? रूस सरकार के प्रवक्ता भी झूठ बोल रहे हैं। कुछ दिन पहले अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने भी इसी तरह का शक जाहिर किया था। उन्होंने कहा था- पुतिन अपने विरोधियों और खासकर इस तरह के विरोधियों को कभी माफ नहीं कर सकते।
CIA ने इसे लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है
रूस की विदेशी इंटेलिजेंस के चीफ सेर्गेई नेरीस्कीन ने खुलासा किया है उन्होंने प्रिगोजिन की बगावत के बाद CIA के चीफ विलियम बर्न्स से यूक्रेन के मसले पर बात की थी। उन्होंने कहा कि CIA चीफ ने 24 जून के विद्रोह का मामला उठाया था। हालांकि, CIA ने इसे लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। प्रिगोजिन और पुतिन की पहली मुलाकात बगावत नाकाम होने के ठीक पांचवें दिन यानी 29 जून को मॉस्को में हुई थी। दूसरी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विद्रोही नेता और पुतिन की एक और सीक्रेट मीटिंग 1 जुलाई को देर रात हुई। इसमें प्रिगोजिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की के कत्ल का फरमान सुनाया गया। पहली मुलाकात की पुष्टि क्रेमलिन के स्पोक्सपर्सन कर चुके हैं। प्रिगोजिन और पुतिन की 29 जून को जो मुलाकात हुई, उसकी पुष्टि क्रेमलिन के स्पोक्सपर्सन दिमित्री पेस्कोव ने की। कहा- ये सही है कि 24 जून को जो गलत वाकया पेश आया, उसके पांचवें दिन यानी 29 जून को प्रेसिडेंट और वैगनर चीफ मिले। मुलाकात तीन घंटे चली। इस दौरान दो और लोग मौजूद थे। बातचीत का न्योता पुतिन की तरफ से दिया गया था। फिलहाल, यही बताया जा सकता है।
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24 जून को वैगनर ने किया था विद्रोह
24 जून को वैगनर ग्रुप ने रूस के खिलाफ विद्रोह की घोषणा की थी। वैगनर आर्मी यूक्रेन के कैंप छोड़कर रूसी सीमा में दाखिल हो गई थी। उसने रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया था। प्रिगोजिन ने तब कहा था- हम मरने से नहीं डरते। हमने रूसी सेना के कई हेलिकॉप्टर्स को मार गिराया। रूस के मीडिया हाउस RT के मुताबिक- प्रिगोजिन ने रूस के रक्षा मंत्री को रोस्तोव आकर उनसे मिलने के लिए कहा था। रूस के डिफेंस मिनिस्टर और प्रिगोजिन के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे। वैगनर की बगावत के बाद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने देश की जनता को संबोधित किया था। उन्होंने वैगनर और प्रिगोजिन को गद्दार बताया था। पुतिन ने कहा था- वैगनर ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा है। हमारे साथ धोखा हुआ है, अगर कोई भी विद्रोह करेगा तो उसे माफ नहीं किया जाएगा, बल्कि उसे इसकी सजा मिलेगी। इसके 24 घंटे के अंदर ही प्रिगोजिन ने मॉस्को की ओर अपना कूच रोक दिया था। पुतिन और प्रिगोजिन के बीच बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको ने समझौता करवाया था।