अफगानिस्तान के मजार ए शरीफ में बम ब्लास्ट, तालिबानी गवर्नर समेत तीन की मौत, दाउद मुज्जमिल की मौके पर मौत

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Jitendra Shrivastava
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अफगानिस्तान के मजार ए शरीफ में बम ब्लास्ट, तालिबानी गवर्नर समेत तीन की मौत, दाउद मुज्जमिल की मौके पर मौत

DELHI. अफगानिस्तान के मजार ए शरीफ शहर में गुरुवार को बम ब्लास्ट हो गया। मजार ए शरीफ शहर में गवर्नर के दफ्तर में बम ब्लास्ट हुआ। इसमें गवर्नर दाऊद मुजमल और दो अन्य लोगों की मौत हो गई। हालांकि, अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले जिम्मेदारी नहीं ली है। इसमें तालिबानी गवर्नर समेत तीन की मौत हो गई है।



तालिबान पुलिस के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है



बताया जा रहा है कि ब्लास्ट गवर्नर के दफ्तर में हुआ। तालिबान ने स्थानीय पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वजीरी ने बताया कि मजार ए शरीफ शहर में गवर्नर के दफ्तर में बम ब्लास्ट हुआ। इसमें गवर्नर दाऊद मुजमल और दो अन्य लोगों की मौत हो गई। हालांकि, अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। अफगानिस्तान में तालिबान ने अगस्त 2021 में कब्जा कर लिया था। इसके बाद से अफगानिस्तान में इस्‍लामिक स्‍टेट खुरासान लगातार आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा है। खुरासान तालिबान के सुरक्षाबलों और शिया अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बना रहा है।



कारी फतेह ISKP के लिए रणनीति बनाता था



अफगानिस्तान के सत्ताधारी तालिबान ने हाल ही में इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत पर बड़ा एक्शन लिया था। तालिबान ने ISKP के मिनिस्टर ऑफ वॉर और मिलिट्री चीफ कारी फतेह को ढेर कर दिया था। कारी फतेह को UNSC मॉनिटरिंग टीम ने मई 2022 में ISKP के सैन्य प्रमुख के तौर पर सूचीबद्ध किया था। कारी फतेह ISKP के लिए रणनीति बनाता था। उसने हाल ही में काबुल में रूस, पाकिस्तान और चीन के दूतावासों पर भी हमले की साजिश रची थी। कारी तुफैल उर्फ ​​फतेह नांगरहार में ISKP के नियंत्रण के दौरान पूर्वी क्षेत्र का कमांडर था। हालांकि, हाल के दिनों में समूह ने अपनी रणनीति बदली थी और उसे खुफिया प्रमुख बनाया गया था।



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तालिबान के बड़े नेता थे मुज्जमिल



‘टोलो न्यूज’ के मुताबिक, दाउद मुज्जमिल तालिबान के टॉप लीडर्स में से एक थे। यही वजह है कि उन्हें बाख जैसे अशांत प्रांत की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दाउद को तालिबान के सबसे काबिल पब्लिक एडमिनिस्ट्रेटर्स में से एक माना जाता था। यही वजह है कि उन्हें सबसे पहले नांगरहार प्रॉविंस की जिम्मेदारी सौंपी गई। वहां जब उन्होंने हालात काबू कर लिए तो उन्हें बाख भेजा गया।



2022 की शुरुआत में उन्हें बाख भेजा गया था।



इस प्रांत में इस्लामिक स्टेट खोरासाना ग्रुप का दबदबा माना जाता है और यही वजह है कि यहां अकसर तालिबान के साथ उसकी झड़पें होती रहती हैं। इन झड़पों में ज्यादातर आम लोग मारे जाते हैं। 2022 की शुरुआत में उन्हें बाख भेजा गया था।

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा- तालिबान इस मामले की जांच कर रहे हैं। हमें पूरा भरोसा है कि हम जल्द इस कत्ल की साजिश रचने वालों तक पहुंच जाएंगे, जिन लोगों ने यह हमला किया, वो इस्लाम के दुश्मन हैं।


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