International Desk. बशीर बद्र का शेर था कि कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से। ये नए मिजाज का शहर है, जरा फासले से मिला करो। हम ये लाइनें यहां इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि ये लाइनें कोरोना काल में काफी मकबूल हुईं और अब डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने जो चेतावनी दी है उस लिहाज से अब बशीर बद्र का यह शेर शायद हमेशा के लिए मकबूल रहे। दरअसल डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 वायरस अब दुनिया से कभी खत्म नहीं होने वाला है और इसके कारण दुनिया में हेल्थ इमरजेंसी बरकरार रहेगी। ऐसे में मास्क पहनते रहिए, अपनों से भी हाथ मिलाने से परहेज करना होगा और गले लगना तो भूल ही जाईए।
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्अर जनरल टेड्रोस अधनोम घेभ्रेसस ने बताया है कि पिछले 8 हफ्तों में ही कोविड 19 की वजह से 1.70 लाख लोग काल के गाल में समा चुके हैं। ये तो वे आंकड़े हैं जिनकी रिपोर्ट जानकारी में थी, असल आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा होने का अनुमान है।
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संस्था की हेल्थ रेगुलेशन इमरजेंसी कमेटी का कहना है कि इंसानों और जानवरों के बीच कोविड 19 के वायरस को खत्म करना लगभग नामुमकिन है। हो सकता है कि हम इसके भयानक नतीजों को कम कर सकें। लोगों की मौत की प्रत्याशा को कम किया जा सके। इससे संक्रमित होने से बचा सकें। लेकिन यह महामारी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी बनी रहेगी।
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डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा है कि मेरा स्पष्ट संदेश है कि कोरोना वायरस को कमतर समझना बड़ी भूल हो सकती है। यह हमें लगातार सरप्राइज कर रहा है। यह लगातार हमें मारने का प्रयास करता रहेगा। इसलिए हमें ज्यादा मेडिकल टूल्स और मेडिकल स्टाफ की जरूरत है। यह वायरस इंसानों और जानवरों में बस चुका है। अब यह कई पीढ़ियों तक खत्म होने वाला नहीं है। इसलिए जरूरत है सही और ज्यादा वैक्सीनेशन की। ताकि लोग इम्यून हो सकें।
भारत में कोरोना की अब तक 3 लहरें आ चुकी हैं। पहली लहर साल 2020 में आई थी वहीं दूसरी लहर जो कि डेल्टा वैरिएंट वाली थी काफी घातक थी। इस लहर में लाखों लोगों की जानें गई थीं। तीसरी लहर जो कि ओमिक्रोन वैरिएंट की थी, तब तक इंडिया काफी हद तक संभल चुका था।