ISLAMABAD. राजनीतिक और अर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान ने मान लिया है कि उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के विस्तारित कोष सुविधा (EFF) के तहत मंजूर हुआ 6.5 बिलियन डॉलर का कर्ज मिलने की संभावना ना के बराबर है। पाकिस्तान के मीडिया का कहना है कि अब आईएमएफ के नए लोन प्रोग्राम पर चर्चा की जा सकती है। कहा जा रहा है कि इस दिशा में बजट पेश होने के बाद बात की जाएगी। पाकिस्तान का नया फायनेंशियल ईयर जुलाई में शुरू होता है।
क्या हुआ है अब तक
पाकिस्तान की सरकार और आईएमएफ की नौंवी समीक्षा पर अभी तक स्टाफ लेवल सहमति नहीं बन सकी है। इसके बाद इसी मुद्दे पर दसवीं और ग्यारहवीं समीक्षा भी होनी है। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों समीक्षाओं का 30 जून तक पूरा हो पाना असंभव है। यहां जरूरी यह है कि मौजूदा लोन प्रोग्राम की समय सीमा 30 जून को खत्म हो जाएगी। तब इस लोन प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान को 2.5 अरब डॉलर की रकम नहीं मिल सकेगी। इस संबंध में निक्कई एशिया डॉट कॉम की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को IMF का लोन नहीं मिलने से डिफॉल्ट कर सकता है। इसी तरह की चेतावनी अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी दी है। पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक उठापटक के कारण भी IMF के साथ उसके संबंध खराब हुए हैं। दोनों पक्षों में लोन की शर्तों को लेकर भी विवाद हो चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि IMF से लोन नहीं मिलने की स्थिति में पाकिस्तान को दूसरे स्रोतों से लोन मिलना भी मुश्किल हो जाएगा।
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श्रीलंका कर चुका है डिफॉल्ट
पिछले साल श्रीलंका लोन डिफॉल्ट कर चुका है। इसके बाद देश में बहुत बड़े स्तर पर उथल-पुथल हुई थी। श्रीलंका के राष्ट्रपति देश छोड़ कर भाग गए थे। देश के हालात ऐसे हो गए थे कि वहां जरूरी दवाएं और खाने-पीने का सामान भी नहीं बचा था।