अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में काफी सियासी उठापटक मची हुई है। उग्र हिंसक आंदोलन को शांत कराने के लिए सरकार ने सेना को उतार दिया है। अब सैनिक टैंकों पर सवार होकर सड़कों पर गश्त कर रहे हैं। इसी बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने ऐलान कर दिया है कि वह एक हफ्ते में नए प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान कर देंगे।
राष्ट्रपति गोटबाया ने क्या कहा ?
नए प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा वाली बात के साथ ही राष्ट्रपति गोटबाया ने कहा कि, अगले एक हफ्ते में ऐसे प्रधानमंत्री को नियुक्त करूंगा जिसके पास बहुमत हो, और लोग जिसमें भरोसा करते हों। मैं मंत्रियों की नई कैबिनेट भी नियुक्त करूंगा। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से नफरत फैलाने से बचने की अपील की।
इसके अलावा देश में एक और बड़ी घटना सामने आई। राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए श्रीलंका सेंट्रल बैंक गवर्नर पी नंदलाल वीरसिंघे का बयान सामने आया। उन्होंने कहा, अगर अगले 2 हफ्ते में देश में हालात नहीं सुधरे तो अपना पद छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि जब तक वर्तमान राजनीतिक संकट का हल नहीं निकाला जाता है तब तक देश की इकोनॉमी को ठीक करने की कोशिशें नाकाम रहेंगी।
तंगी का बड़ा कारण
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म सेक्टर का बड़ा रोल है, लेकिन कोरोना की मार से यह पहले ही ठप पड़ा है। टूरिज्म देश के लिए फॉरेन करेंसी का तीसरा बड़ा सोर्स है। इसके कमजोर पड़ने से देश का विदेश मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है। करीब 5 लाख श्रीलंकाई सीधे पर्यटन पर निर्भर, जबकि 20 लाख अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े हैं। श्रीलंका की GDP में टूरिज्म का 10% से ज्यादा योगदान है।