मशहूर पाकिस्तानी लेखक 73 वर्षीय तारिक फतेह का निधन, बेटी ने ट्वीट कर कहा- उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी जो उन्हें जानते थे

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The Sootr
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मशहूर पाकिस्तानी लेखक 73 वर्षीय तारिक फतेह का निधन, बेटी ने ट्वीट कर कहा- उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी जो उन्हें जानते थे

इंटरनेशनल डेस्क. पाकिस्तानी लेखक तारिक फतेह का 73 साल की उम्र में निधन हो गया है। अपने बयानों की वजह से हमेशा चर्चा में रहने वाले तारिक फतेह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 24 अप्रैल, सोमवार को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। तारिक की बेटी नताशा ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब का शेर, हिंदुस्तान का बेटा, कनाडा का प्रेमी, सच्चाई का पैरोकार, न्याय के लिए लड़ने वाला, दबे-कुचलों और शोषितों की आवाज। उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी जो उन्हें जानते थे और उनसे प्यार करते थे। 




— Natasha Fatah (@NatashaFatah) April 24, 2023



प्रोग्रेसिव विचारों के लिए जाने जाते थे तारिक



तारिक फतेह का जन्म 20 नवंबर 1949 को कराची में हुआ था। उनका परिवार बंबई (अब मुंबई) का रहने वाला था, लेकिन बंटवारे के बाद कराची चला गया था। उन्होंने कराची यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की थी, लेकिन बाद में पत्रकारिता में आ गए। फतेह इस्लाम को लेकर अपने प्रोग्रेसिव विचारों और पाकिस्तान पर उनके कड़े रुख के लिए जाने जाते थे। वह कई बार बीजेपी की अगुवाई में एनडीए सरकार का समर्थन भी कर चुके थे। 



फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री ने जताया शोक



फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री ने तारिक फतेह के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने लिखा सिर्फ एक ही था तारिक फतेह। जाबांज, मजाकिया, विचारक, बेहतरीन वक्ता और निर्भीक योद्धा। तारिक, मेरे भाई आपको एक करीबी दोस्त के रूप में पाकर खुशी हुई थी। 



दो बार जेल जा चुके थे तारिक 



एक पाकिस्तानी टीवी चैनल में खोजी पत्रकारिता करने से पहले 1970 में उन्होंने कराची सन नाम के अखबार में रिपोर्टिंग की। उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा। बाद में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया और सऊदी अरब में सेटल हो गए। 1987 में फतेह कनाडा आ गए।



कई चर्चित किताबें भी लिखी



तारिक जितना बोलते थे, उससे कहीं ज्यादा उन्होंने अपनी कई किताबों में भी जिक्र कर रखा था। उनकी किताब ‘ Chasing a Mirage: The Tragic Illusion of an Islamic State’ और ‘The Jew is Not My Enemy: Unveiling the Myths that Fuel Muslim Anti-Semitism’ काफी चर्चित रहीं। उन्होंने अपनी जिंदगी में हमेशा मानवाधिकारों की लड़ाई लड़ी है। मुस्लिम महिलाओं के लिए अपनी आवाज बुलंद की है। लेकिन शरीअत और दूसरे इस्लामिक कानूनों को लेकर उनके कई बयान विवाद का विषय रहे हैं।



राम मंदिर के निर्माण पर जताई थी खुशी



तारिक फतेह ने कहा था कि भारत में राम मंदिर का निर्माण होना बड़े ही हर्ष की बात है। उन्होंने कहा था कि बाबर हिंदुस्तानी लोगों को केवल कचरा समझते थे। उन्हें भारतीय काले बंदर लगते थे। उन्होंने कहा कि मुगल भारत में हमें केवल लुटने और बर्बाद करने आए थे और कुछ लोग आज उन लुटेरों की पूजा करते हैं। 


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