भारत में Mpox खतरा, 116 देशों में फैल चुका, जानें कितना खतरनाक है ये वायरस

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने एमपॉक्स ( Monkeypox, Mpox ) को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। 2022 के बाद इस बीमारी को दूसरी बार वैश्विक खतरा बताया है। अफ्रीका में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के कारण WHO ने यह कदम उठाया है...

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Jitendra Shrivastava
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Monkeypox : दुनिया के 116 देशों में एमपॉक्स  ( Monkeypox, Mpox ) वायरस फैल गया है। इसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ( WHO ) ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को शरीर पर दाने निकल आते हैं। इस बीमारी का प्रकोप भारत में अभी कितना है ये सवाल हर किसी के मन में आ रहा है। एमपॉक्स को ही मंकीपॉक्स वायरस के नाम से जानते हैं। 

भारत में इस वायरस से खतरा नहीं

WHO ने ताजा अपडेट जारी किया है इसमें कहा गया है कि भारत में जनवरी 2022 से जून 2024 के बीच एमपॉक्स के 27 मामले सामने आए हैं इस वायरस से एक की मौत भी हुई थी। हेल्थ एक्सपर्ट ने इस मामले में कहा है कि भारत में इस वायरस से कोई खतरे की आशंका नहीं है। कुछ वैक्सीन उपलब्ध हैं जिनसे इसका उपचार हो सकता है। इसके अलावा देश-विदेश के सभी एयरपोर्ट्स पर सख्त निगरानी और समय पर संक्रमितों की पहचान से वायरस को कंट्रोल कर सकते हैं।

WHO का अलर्ट रहने का निर्देश

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स वायरस के खतरे को देखते हुए इमरजेंसी घोषित कर दी है। कई देशों में इसके मामले में तेजी से बढ़ रहे हैं इसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। इसके साथ ही लोगों को अलर्ट रहने को भी कहा गया है ताकि आने वाले दिनों में स्थिति और खराब न हो। एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो सामान्यतया क‍िसी के संपर्क में आने से फैलती है। अभी तक कई लोगों में इसका संक्रमण देखा जा चुका है। यह एक फ्लू जैसी बीमारी है।

इस वायरस का बाइसेक्सुअल पुरुषों को ज्यादा खतरा

डब्लूएचओ ने इस वायरल बीमारी को देखते हुए तीन सालों में दूसरी बार इमरजेंसी की घोषणा की है। 2022 में भी ऐसा किया गया था उस समय इस वायरस ने एक-दो नहीं बल्कि, 100 से भी अधिक देशों को जकड़ लिया था। इस वायरस से 200 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। यह वायरस मुख्य रूप से गे और बाइसेक्सुअल पुरुषों को प्रभावित करता है। कांगो में 14 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इससे 500 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। इस वायरस से 15 साल से कम उम्र की लड़क‍ियां इसका शिकार हो रही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपातकाल की घोषणा करने का फैसला किया है।

कैसे पहचानें एमपॉक्स को ?

इस वायरस के एक्सपर्ट बताते हैं कि एमपॉक्स वायरस से पीड़ित शख्स की त्वचा पर लाल चकत्ते या म्यूकोसल घाव हो जाते हैं, जो 2-4 सप्ताह तक रह सकते हैं। मरीज को तेज बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, अत्यधिक थकावट और सूजे हुए लिम्फ नोड्स यानी शरीर पर गांठें भी होती हैं। एमपॉक्स से पीड़ित ज्यादातर लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ गंभीर रूप से बीमार भी हो सकते हैं।

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