अफगानिस्तान को 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजेगा भारत, पाकिस्तान के रास्ते का नहीं होगा इस्तेमाल

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
अफगानिस्तान को 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजेगा भारत, पाकिस्तान के रास्ते का नहीं होगा इस्तेमाल

DELHI. भारत ने यूएनवीएफपी के साथ साझेदारी में अफगानिस्तान को 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं की मदद देने की घोषणा की है। अफगानिस्तान पर भारत सेंट्रल एशिया संयुक्त कार्य समूह यानि जेडब्ल्यूजी की पहली बैठक के बाद साझा बयान जारी किया गया है। खास बात ये है कि काबुल को ये मदद पाकिस्तान के रास्ते नहीं बल्कि ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए दी जाएगी।



गेहूं की खेप पाकिस्तान के रास्ते नहीं बल्कि ईरान के रास्ते भेजी जाएगी



दरअसल, भारत और पांच मध्य एशियाई देशों ने मंगलवार 7 मार्च को आतंकवाद और उग्रवाद के क्षेत्रीय खतरों का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के तरीकों पर चर्चा की। इस दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी प्रशिक्षण या फिर इस तरह की किसी गतिविधि की योजना बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसी दौरान ये भी तय हुआ कि अफगानिस्तान के लिए मदद करने वाली गेहूं की खेप पाकिस्तान के रास्ते नहीं बल्कि ईरान के रास्ते भेजी जाएगी।



यह खबर भी पढ़ें






भारत करता रहा है पाकिस्तान के रास्ते का इस्तेमाल



बैठक में भारत ने घोषणा की है कि वह ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए अफगानिस्तान को मदद के रूप में 20,000 टन गेहूं की सप्लाई के लिए यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) के साथ पार्टनरशिप में काम करेगा। इससे पहले भारत ने पाकिस्तान के माध्यम से सड़क के रास्तों से लगभग 40,000 टन गेहूं की सप्लाई की है, लेकिन इसमें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। इस बैठक में भारत, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विशेष दूतों और सीनियर अधिकारियों ने हिस्सा लिया। WFP और यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम्स (यूएनओडीसी) के देशों के प्रतिनिधियों ने भी इसमें भाग लिया।



क्या कहा गया संयुक्त बयान में?



इस समूह ने बैठक के बाद एक संयुक्त बयान भी जारी किया। इसमें कहा गया है कि बैठक में सही मायने में समावेशी और प्रतिनिधिक राजनीतिक ढांचे के गठन के महत्व पर जोर दिया गया, जो सभी अफगानियों के अधिकारों का सम्मान करे और शिक्षा तक पहुंच सहित महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों के समान अधिकार को सुनिश्चित करे। बयान में आगे ये भी कहा गया है कि विचार-विमर्श के दौरान अधिकारियों ने आतंकवाद, उग्रवाद, कट्टरता और मादक पदार्थों की तस्करी के क्षेत्रीय खतरों पर चर्चा की और इन खतरों का मुकाबला करने के लिए समन्वित प्रयास की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया।


पाकिस्तान के रास्ते का नहीं होगा इस्तेमाल अफगानिस्तान को 20 हजार एमटी गेहूं भेजेगा भारत भारत की अफगानिस्तान को सहायता अफगानिस्तान भारत संबंध the route of Pakistan will not be used India will send 20 thousand MT wheat to Afghanistan India's aid to Afghanistan Afghanistan India relations