इंटरनेशनल डेस्क. अमेरिका में पीएम नरेंद्र मोदी से अल्पसंख्यकों को लेकर सवाल पूछने वाली पत्रकार सबरीना ट्रोल हो रही हैं। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें लगातार ट्रोल कर रहे हैं। कुछ लोग उन्हें पाकिस्तानी बता रहे हैं। सबरीना सिद्दिकी अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जरनल की रिपोर्टर हैं।
सबरीना के सवाल को एजेंडा बता रहे लोग
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स सबरीना के सवाल को एजेंडा करार दे रहे हैं। यूजर्स ने कहा था कि सबरीना को खासतौर पर इस सवाल के लिए चुना गया था क्योंकि वो पाकिस्तानी हैं। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी सबरीना के सवाल को राजनीति से प्रेरित बताया था।
'सबरीना निष्पक्ष और ईमानदार पत्रकार'
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जरनल ने कहा कि सबरीना एक रिस्पेक्टेड जर्नलिस्ट हैं, जो अपनी निष्पक्ष रिपोर्टिंग और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं। इस तरह से उन्हें प्रताड़िता किया जाना गलत है और हम इसकी निंदा करते हैं। पीएम मोदी से सवाल करने के बाद सबरीना ट्रोलर्स के निशाने पर हैं। उनकी आइडेंटिटी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
व्हाइट हाउस ने की निंदा
Sabrina Siddiqui is a journalist with WSJ who has been constantly attacked by the right wing ecosystem, BJP members & its fake news factory - since she asked Prime Minister Modi a question at the White House Press meet.
Ironical her question also included undermining of the… pic.twitter.com/Y9fug8fN4D
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) June 27, 2023
व्हाइट हाउस ने सबरीना को ट्रोल किए जाने की निंदा की है। प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि इस तरह का उत्पीड़न स्वीकार नहीं किया जाएगा। किसी भी पत्रकार को प्रताड़ित करना लोकतंत्र के खिलाफ है। हम इसकी निंदा करते हैं।
सबरीना ने पीएम मोदी से क्या पूछा था ?
अमेरिकी दौरे के तीसरे दिन पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान सबरीना ने पीएम मोदी से पूछा था कि भारत खुद को लोकतांत्रिक देश मानता है, पर कई मानवाधिकार संगठन कहते हैं कि आपकी सरकार अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करती है। आप अपने देश में मुस्लिमों और दूसरे अल्पसंख्यकों के अधिकारों और अभिव्यक्ति की आजादी को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
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पीएम मोदी ने क्या दिया था जवाब ?
सबरीना के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा था कि भारत लोकतांत्रिक है। भारत और अमेरिका दोनों के DNA में लोकतंत्र है। लोकतंत्र हमारी रगों में है, लोकतंत्र को हम जीते हैं। हमारे पूर्वजों ने उसे शब्दों में डाला है। हमारा संविधान, हमारी सरकार और हमने सिद्ध किया है कि डेमोक्रेसी कैन डिलीवर जब मैं डिलीवर कहता हूं तब जाति, पंथ, धर्म किसी भी तरह के भेदभाव की वहां पर जगह नहीं होती है। जब आप लोकतंत्र कहते हैं तो पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं उठता है।