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इंटरनेशनल डेस्क. एक कहावत है कि जब कंगाली दरवाजे से अंदर आती है तो सारी अकड़ खिड़की के रास्ते बाहर निकल जाती है। कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तान का है। पाकिस्तान जब बुरी तरह से आर्थिक तंगी और परेशानियों से जूझ रहा है, तो ऐसे में उसने भारत से बातचीत की पहल करनी शुरू कर दी है।
शहबाज शरीफ ने की बातचीत की पेशकश
पाक पीएम शहबाज शरीफ ने भारत से बातचीत की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि हम सबसे बातचीत करने के लिए तैयार हैं। यहां तक कि अपने पड़ोसी (इंडिया) के साथ भी। बशर्ते कि पड़ोसी बातचीत के टेबल पर गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए तैयार हो क्योंकि जंग अब समाधान का कोई रास्ता नहीं है। प्रधानमंत्री शरीफ ने ये भी कहा कि अनसुलझे मुद्दों का जब तक समाधान नहीं किया जाता, तब तक हम दोनों एक सामान्य पड़ोसी नहीं बन सकते।
क्या शरीफ की बात मानेगा भारत ?
फिलहाल इस बात की कोई गुंजाइश नहीं है कि भारत, पाकिस्तान से बातचीत करेगा। इसी साल जून 2023 में दिल्ली के एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम नहीं चाहते कि भारत और पाकिस्तान के बातचीत का आधार आतंकवाद हो।
पाकिस्तान को बताया था आतंक की इंडस्ट्री
इससे पहले मई 2023 में जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो SCO समिट के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए भारत आए थे। तब भारतीय विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने उन्हें आतंकी इंडस्ट्री का प्रवक्ता बताया था। जयशंकर ने SCO समिट में कहा था कि आतंकवाद से पीड़ित और साजिशकर्ता एक साथ टेबल पर बैठकर बातचीत नहीं कर सकते।
शरीफ क्यों कर रहे बातचीत की पेशकश ?
पाकिस्तान को अब ये बात समझ में आ गई है कि भारत के सहयोग के बिना उसका भला नहीं हो सकता। पाकिस्तान के एक फेमस अखबार ने जून में एक आर्टिकल छापा था। इस आर्टिकल में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भारत से अच्छे रिश्ते बनाने पर जोर दिया गया था। आर्टिकल में ये भी सवाल उठाया गया था कि जब 2 देश तमाम मतभेदों के बावजूद व्यापार खत्म या कम नहीं करते, तो भारत और पाकिस्तान ऐसा क्यों करते हैं ?
2019 से बंद है भारत-पाक कारोबार
अगस्त 2019 में जब भारत ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटा दिया था। तब पाकिस्तान ने इसका विरोध करते हुए भारत के साथ कारोबार को बंद कर दिया था, लेकिन कारोबार बंद करने से जब पाकिस्तान की हालत बिगड़ी तो 2 साल बाद फिर इसे बहाल कर दिया गया। फिलहाल अब भी पाकिस्तान, भारत के साथ सीमित कारोबार ही कर रहा है।
पाकिस्तान को खाने-पीने के सामान की जरूरत
कॉमर्स मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक, 2022-23 में भारत और पाकिस्तान के बीच 5178 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था। इसमें से 5 हजार करोड़ से ज्यादा का सामान भारत ने पाकिस्तान को दिया था। जबकि, भारत ने पाकिस्तान से महज 157 करोड़ रुपए का आयात किया था। पाकिस्तान भारत से सब्जी, फल, दाल, आटा, दूध, चाय, कॉफी, नमक, शक्कर, दवा, खाद, कपड़ा, फर्नीचर, खिलौने जैसे सामान खरीदता है। वहीं भारत, पाकिस्तान से बहुत ही कम मात्रा में सब्जी, दवा, फल, एल्युमिनियम और केमिकल जैसे सामान खरीदता है।