इस्लामाबाद: अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद पाकिस्तान में भी इसका असर दिखना शुरु हो गया है। इमरान सरकार ने पाकिस्तान में महिला टीचर्स के लिए खास ड्रेस कोड लागू किया है। महिला टीचर्स के टाइट कपड़े पहनने पर रोक लगा दी गई है। पुरुष शिक्षक भी जींस और टी-शर्ट नहीं पहन सकेंगे। केंद्रीय शिक्षा संस्थानों के टीचर्स के लिए एक फरमान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि फेडरल डायरेक्टोरेट एजुकेशन (FDE) के तहत आने वाले किसी भी स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी के टीचर्स जीन्स, टीशर्ट्स या टाइट्स नहीं पहन सकते। इस संबंध में शिक्षा निदेशक ने सोमवार, 06 सितंबर को स्कूल और कॉलेजों के प्रमुखों को पत्र भेजा है।
टीचिंग गाउन्स और कोट्स नया ड्रेस कोड
ये नया फरमान FDE की तरफ से 7 सितंबर को जारी करवाया गया। इसमें कहा गया है- FDE ने रिसर्च के दौरान ये पाया है कि पहनावे का असर लोगों के जेहन पर सबसे ज्यादा पड़ता है। पहला प्रभाव तो छात्रों पर ही होता है। इसीलिए हमने यह तय किया है कि महिला शिक्षक अब से जीन्स या टाइट्स नहीं पहनेंगी। पुरुष शिक्षकों के भी जीन्स और टी-शर्ट पहनने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जा रही है। उन्हें क्लास और लैब्स में टीचिंग गाउन्स या कोट्स पहनना जरूरी होगा।
स्कूलों और कॉलेजों में काम करने वालों के लिए भी ड्रेस कोड
इस तरह के उपायों का पालन पाकिस्तान में शिक्षकों द्वारा ऑफिस समय के दौरान, साथ ही परिसर में उनके समय और यहां तक कि आधिकारिक सभाओं और बैठकों के दौरान भी किया जाना है। पत्र में यह भी सिफारिश की गई है कि सभी शिक्षण कर्मचारी प्रयोगशालाओं में कक्षा और प्रयोगशाला कोट के अंदर शिक्षण गाउन पहनें। इसके अलावा, यह स्कूलों और कॉलेजों के गेट कीपर और सहायक कर्मचारियों के लिए वर्दी सुनिश्चित करने का निर्देश देता है।
महिलाओं का विरोध प्रदर्शन
पाकिस्तान के न्यूज चैनलों पर सरकार के इस फरमान के खिलाफ प्रदर्सन की खबरें दिखनी शुरु हो गई हैं। कुछ लोगों का कहना है कि जिस मुल्क का वजीर-ए-आजम यानी प्रधानमंत्री ही यौन अत्याचार के लिए महिलाओं के लिबास को दोष देता हो, वहां तो ये होना ही था। लेकिन उनसे ये पूछना चाहिए कि 3 साल की बच्चियों के साथ होने वाले रेप और मर्डर के लिए कौन जिम्मेदार है। इमरान ने पिछले दिनों एक भाषण में कहा था कि देश में होने वाले यौन अपराधों के लिए महिलाओं के वेस्टर्न आउटफिट और दूसरे देशों की फिल्में भी जिम्मेदार हैं और लोगों को पश्चिमी मानसिकता से बचना चाहिए।