नेपाल के जिस एयरपोर्ट पर होना थी लैडिंग उसका दो हफ्ते पहले पीएम प्रचंड ने किया था उद्घाटन, चीन ने तैयार किया था पोखरा एयरपोर्ट

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The Sootr
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नेपाल के जिस एयरपोर्ट पर होना थी लैडिंग उसका दो हफ्ते पहले पीएम प्रचंड ने किया था उद्घाटन, चीन ने तैयार किया था पोखरा एयरपोर्ट

NEPAL. 15 जनवरी रविवार को नेपाल में सुबह बड़ा विमान हादसा हुआ, नेपाल में यति एयरलाइंस का प्लेन काठमांडू से 200 किमी दूर पोखरा में क्रैश हो गया। यह ATR-72 प्लेन था, जिसमें 68 यात्री और चार क्रू मेंबर कुल मिलाकर 72 लोग सवार थे। पोखरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लैंडिंग से पहले विमान पहाड़ी से टकराकर नदी में गिर गया। इस भीषण हादसे में विमान में सवार सभी 72 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद नेपाल में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है, आपको बता दें कि इस विमान में 5 भारतीय भी सवार थे



चीन ने बानाया था एयरपोर्ट



जानकारी के अनुसार चीन की मदद से तैयार हुए पोखरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दो हफ्ते पहले ही एन साल के पहले दिन एक जनवरी को नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने ही उद्घाटन किया था। यह परियोजना चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव सहयोग का हिस्सा थी। नेपाल के मीडिया के मुताबिक एयरपोर्ट निर्माण के लिए नेपाल सरकार ने चीन के साथ 22 अरब रुपए के सॉफ्ट लोन समझौते पर दस्तखत किए थे।



विमान से निकाले गए सभी यात्रियों के शव



पोखरा के प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक विमान के मलबे से अब तक 68 शव निकाले जा चुके हैं। लेकिन इस हादसे के चश्मदीदों का कहना है कि हादसे में कोई भी जिंदा नहीं बचा। अभी तक सिर्फ पांच शवों की पहचान हो पाई है। बाकी शवों को पहचानना मुश्किल है। फ्लाइट में सवार चार अन्य लोगों का पता नहीं चल पा रहा है। इनकी तलाश में गोताखोरों को नदी में उतारा गया है। इस विमान में पांच भारतीय यात्री भी सवार थे, घटनास्थल से दो लोगों को जीवित निकाला गया, दोनों मछुआरे थे। अब तक 20 शवों की पहचान हो गई है। पहचान नहीं हुए शवों को DNA परीक्षण के लिए हेलिकॉप्टर के जरिए काठमांडू भेजा जाएगा।



किन कारणों से हुआ हादसा ये जांच का विषय



सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ नेपाल की तरफ से कहा गया कि विामन हादसा मैकेनिकल खराबी की वजह हुआ है, उड़ान से पहले सभी टेक्निकल जांच और उससे जुड़ी सभी प्रोसेस को पूरा किया गया था, उस समय इस तरह की कोई समस्या देखने में नहीं आई थी, लेकिन हादसे की विस्तृत जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकेंगे की आखिर हादसे का कारण क्या था। 



विमान में 5 भारतीय समेत 9 विदेशी नागरिक थे सवार



बाताया जा रहा है कि विमान को कैप्टन कमल केसी उड़ा रहे थे। 68 यात्रियों में से 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, दो कोरियन, एक अफगानी और एक फ्रैंच नागरिक थे। इनमें 3 नवजात और 3 बच्चे भी शामिल हैं। एयरलांइस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा है कि अभी तक किसी जीवित व्यक्ति को नहीं निकाला जा सका है।


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