रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सहयोगी रहे वैगनर ग्रुप ने बगावत की, आर्मी मुख्यालय-एयरपोर्ट पर कब्जे का दावा, जानें वैगनर की पूरी कहानी

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Atul Tiwari
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रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सहयोगी रहे वैगनर ग्रुप ने बगावत की, आर्मी मुख्यालय-एयरपोर्ट पर कब्जे का दावा, जानें वैगनर की पूरी कहानी

MOSCOW. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निजी आर्मी वैगनर ग्रुप ने ही उनके खिलाफ बगावत कर दी है। वैगनर ग्रुप कभी पुतिन का समर्थक हुआ करता था और यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैगनर ग्रुप के लीडर येवगेनी विक्टरोविच प्रिगोझिन ने अपने लड़ाकों को रोस्तोव शहर में भेज दिया है। प्रिगोझिन का दावा है कि यहां सेना मुख्यालय और एक एयरपोर्ट समेत शहर के सैन्य स्थलों को कब्जा कर लिया है और सड़कों पर टैंकों को उतार दिया है। रूसी सेना के साथ उनकी झड़प की खबरें भी सामने आ रही हैं। प्रिगोझिन का कहना है कि उसके 25,000 जवान मरने को तैयार हैं.



प्रिगोझिन का ऐलान है कि जो कोई भी हमारे सेंटर्स में प्रवेश करेगा, वह इसके लिए जवाबदेह होगा। इसके बाद रोस्तोव में रूसी अधिकारियों ने लोगों को घरों में ही रहने की अपील की है। उधर, रूसी सेना ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है। मॉस्को को जोड़ने वाले हाईवे को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा येवगेनी की गिरफ्तारी के आदेश भी जारी कर दिए हैं। पुतिन के लिए वैगनर ग्रुप का विद्रोह एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यह ग्रुप यूक्रेन से युद्ध में उनकी मदद कर रहा था। जानते हैं वैगनर ग्रुप की पूरी कहानी.



पुतिन से क्यों है वैगनर ग्रुप नाराजगी?



मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वैगनर ग्रुप ने अपने ऑडियो मैसेज के जरिए आरोप लगाया कि रूस की सेना ने हमारे शिविरों पर मिसाइल हमले किए, जिससे बड़ी संख्या में हमारे लड़ाके, हमारे साथी मारे गए। मैसेज में आगे कह कि हमारे कमांडरों की परिषद ने फैसला लिया है कि देश का सैन्य नेतृत्व जो बुराई लाता है, उसे रोका जाना चाहिए. जो कोई भी प्रतिरोध करेगा, हम इसे खतरा मानेंगे और इसे तुरंत नष्ट कर देंगे। यह कोई सैन्य तख्तापलट नहीं है, बल्कि न्याय का मार्च है।



निजी हितों के चलते वैगनर ने धोखा दिया- पुतिन



राष्ट्रपति पुतिन ने कहा- रोस्तोव में हालात सामान्य करने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। इस विश्वासघात का कारण महत्वाकांक्षा और निजी हित हैं। जो कोई भी विद्रोह करेगा, उसे सजा देंगे। जिसने भी जानबूझकर सशस्त्र विद्रोह की तैयारी की, आतंकी तरीके अपनाए, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम आंतरिक देशद्रोह सहित सभी खतरों के खिलाफ अपने लोगों और देश की रक्षा करेंगे।



क्या है वैगनर ग्रुप?



वैगनर मिलिट्री ग्रुप रशियन प्राइवेट मिलिट्री कंपनी है, जो दुनियाभर में सीधे या अपरोक्ष तरीके से रूस का फेवर करती है। 10 साल पहले यानी 2013 में इस ग्रुप को बनाया गया था। इसकी स्थापना दिमित्री उत्किन ने की थी। दिमित्री रूस की खुफिया एजेंसी में काम करते थे। दिमित्री, एडोल्फ हिटलर से काफी प्रेरित था। हिटलर म्यूजिक कम्पोजर रिचर्ड वैगनर का फैन था, इसलिए इस ग्रुप का नाम भी वैगनर पर किया गया। 2022 में इस ग्रुप को कंपनी के तौर पर रजिस्टर किया गया। इसका हेडक्वार्टर सेंट पीटर्सबर्ग में है।



इस ग्रुप में 80% लड़ाके क्रिमिनल, लीडर येवगेनी घोषित अपराधी



यूएस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के मुताबिक, वैगनर ग्रुप में 80% से ज्यादा लोग अपराधी रह चुके हैं। इसमें पूर्व सैनिक भी हैं। वैगनर ग्रुप खुद को राष्ट्रवादी संगठन कहता है। ग्रुप का ऐसा कहना है कि इस संगठन में देश सेवा की भावना रखने वाले आम लोगों को भी भर्ती किया जाता है। यूएस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल का मानना है कि इस वक्त यूक्रेन में लगभग 50 हजार वैगनर्स काम कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि अब इस ग्रुप में दूसरे देश के लोग जैसे सीरिया, अफगानिस्तान के लड़ाके लोग भी शामिल हो रहे हैं। ये ऐसे लोग हैं, जो अपना गुजर-बसर तक नहीं कर पाते। ऐसे ही लोगों को यूक्रेन ये युद्ध में लगाया गया है। 



वैगनर मिलिट्री ग्रुप का लीडर येवगेनी विक्टरोविच प्रिगोझिन एक घोषित अपराधी है। कई बड़े अपराधों में वॉन्टेड था। जेल से छूटने के बाद इसने हॉट-डॉग बेचना शुरू कर दिया। बाद में यह पुतिन का शेफ बन गया। आज इसकी रेस्त्रां की चेन है।

 

18 अफ्रीकी देशों में नेटवर्क



वैगनर मिलिट्री ग्रुप का नेटवर्क 18 देशों में है. इनकी मौजूदगी यूरोप से लेकर लीबिया, सीरिया, मोजांबिक, बुर्किना फासो, मोजांबिक, माली, सूडान और मध्य अफ्रीकी गणराज्य तक मानी जाती है। वह इन देशों में किसी ना किसी पार्टी की मदद कर रहा है।

 

वैगनर का कई बड़े ऑपरेशन में आ चुका है नाम




  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माली में वैगनर मिलिट्री ग्रुप के एक हजार से ज्यादा सैनिक रूस की मदद से प्रेसिडेंट बने असिमी गोइता के साथ खड़े हैं। इसके बदले में माली उन्हें हर महीने लगभग 10 मिलियन डॉलर देता है।


  • वैगनर ग्रुप सूडान में 2017 से है। वह यहां की सोने की खदानों पर कब्जा कर रहा है। बदले में वो वहां की अस्थिर सरकार में एक को जिताने का वादा करता है।

  • 2016 में लीबिया के गृहयुद्ध में इस ग्रुप की भूमिका रही है।

  • 2014 में क्रीमिया और डोनबास में हुए संघर्ष में भी वैगनर ग्रुप शामिल था।

  • अक्टूबर 2015 से लेकर 2018 तक वैगनर ग्रुप ने सीरिया में रूसी सेना और बशर-अल-असद की सरकार के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी। द वीक के मुताबिक, तब वैगनर के 500 लड़ाकों ने 4 घंटे की लड़ाई में ही अमेरिकी कमांडो को पीछे धकेल दिया था।


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