श्रीलंका में दूसरी बार इमरजेंसी, संसद के बाहर भिड़े पुलिस-प्रदर्शनकारी

author-image
Sootr Desk rajput
एडिट
New Update
श्रीलंका में दूसरी बार इमरजेंसी, संसद के बाहर भिड़े पुलिस-प्रदर्शनकारी

आर्थिक तंगी के बीच श्रीलंका में लोगों का सरकार के खिलाफ विरोध जारी है। शुक्रवार को नेशनल असेंबली में हिंसक प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने फिर से इमरजेंसी लगाने की घोषणा की है। श्रीलंका में एक महीने बाद दोबारा आपातकाल लगाया गया है।





संसद के बाहर लाठीचार्ज



शुक्रवार रात संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हालांकि, प्रदर्शनकारी लगातार संसद भवन के बाहर डटे हुए हैं। श्रीलंकाई संसद में डिप्टी स्पीकर चुनाव के बाद फिर से हंगामा शुरू हुआ है। इस चुनाव में सत्ताधारी पार्टी जीत गई, जिसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए हैं।





प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग



कैबिनेट मीटिंग में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे से इस्तीफा देने के लिए कहा। गोटबाया ने कहा कि अंतरिम सरकार के लिए प्रधानमंत्री पद छोड़ना होगा। हालांकि, PM कार्यालय की ओर से इस खबर का खंडन किया गया है।





विपक्ष ने राष्ट्रपति से मांगा इस्तीफा



श्रीलंका में फिर से इमरजेंसी की घोषणा के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गई है। संसद में नेता प्रतिपक्ष साजिथ प्रेमदासा ने कहा कि लोगों की आवाज दबाने के लिए इमरजेंसी विकल्प नहीं है। इसका एक ही विकल्प है, राजपक्षे का इस्तीफा।





इमरजेंसी लगने के बाद क्या होगा ?



श्रीलंका में इमरजेंसी लगने के बाद अब आम लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर भी नहीं उतर सकेंगे। इसके अलावा, किसी भी तरह का राजनीतिक कार्यक्रम बिना परमिशन नहीं हो सकेंगे। संसद में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए स्पीकर महींदा यापा अभयवर्धना ने शुक्रवार को ही संसद 17 मई तक के लिए स्थगित कर दी थी। विपक्ष ने पुलिस की कार्रवाई का कड़ा विरोध किया था।


श्रीलंका में आर्थिक तंगी internation news in hindi sri lanka president sri lanka tourism sri lanka economy protest outside president house श्रीलंका समाचार street lights off in sri lanka economic crisis in sri lanka protest in sri lanka Sri Lanka News श्रीलंका में कैबिनेट का इस्तीफा श्रीलंका में आपातकाल श्रीलंका की अर्थव्यवस्था श्रीलंका के राष्ट्रपति श्रीलंका में टूरिज्म श्रीलंका में विरोध