श्रीलंका में आर्थिक तंगी के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इमरजेंसी हटा दी है। उन्होंने मंगलवार की आधी रात को इमरजेंसी हटाने का ऐलान किया। गोटबाया ने 1 अप्रैल को देश में इमरजेंसी लगाने का फैसला किया था। इसके बाद से ही उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा था। मंगलवार शाम को भी हजारों स्टूडेंट्स ने राजधानी कोलंबो में भारी बारिश के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के घर तक मार्च निकाला था।
जनता के चीन पर आरोप
गहराते आर्थिक संकट के बीच देशभर में चीन के खिलाफ भी लोगों को गुस्सा बढ़ता जा रहा है। श्रीलंकाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के पास पैसा नहीं है, क्योंकि उसने चीन को सब कुछ बेच दिया है। चीन दूसरे देशों को उधार देकर उनका सबकुछ खरीद ले रहा है।
6 से 8 अप्रैल तक 6.5 घंटे बिजली कटौती
श्रीलंका में 6 अप्रैल से 8 अप्रैल तक 6.5 घंटे तक की बिजली कटौती को मंजूरी दी गई है। पब्लिक यूटिलिटी कमीशन के चेयरमैन जनक रत्नायके का कहना है कि भारत से उधार लिए गए पैसे से फ्यूल इंपोर्ट करने के लिए फॉरेन रिजर्व की कमी को अस्थायी रूप से कम किया गया है।
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
श्रीलंकाई सेना ने हिंसक प्रदर्शनकारियों को कार्रवाई की चेतावनी दी। सेना ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि विरोध के नाम पर हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। श्रीलंका के रक्षा सचिव, जनरल कमल गुणरत्ने ने लोगों से हिंसा से दूर रहने की अपील की। इधर, श्रीलंका की पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों को कानून नहीं तोड़ने की चेतावनी दी। अब तक 54 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनकारियों को पकड़ने के लिए CCTV की मदद ली जा रही है।