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दुनियाभर में विरोध के बाद तालिबान आतंकियों ने एक फिर से पकतिया प्रांत में थाल साहिब गुरुद्वारे की छत पर लगा धार्मिक झंडा वापस से लगा दिया। यह गुरुद्वारा सिखों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस गुरुद्वारें में श्री गुरु नानक देव भी आ चुके हैं। इससे पहले तालिबान के प्रवक्ता् सुहैल शाहीन ने दावा किया कि उन्होंवने निशान साहिब को नहीं हटाया है। हर तरफ आलोचना के बाद तालिबान ने अब निशान साहिब को दोबारा लगा दिया है।
तालिबान दूसरे धर्मों का करता है अपमान
तालिबान के इस कदम के बाद दुनियाभर के सिखों में काफी गुस्साफ देखा गया था। इससे पहले गुरुद्वारे से आई तस्वीअरों में साफ नजर आ रहा था कि निशान साहिब को हटा दिया गया है। इस निशान साहिब को गुरुद्वारे की छत पर लगाया गया था। तालिबान पर दूसरे धर्मों के अपमान के आरोप लगते रहे हैं। संगठन ने हाल में खुद को बदलने का दावा किया है। अफगानिस्तान के युद्धग्रस्त इलाकों में दशकों से अल्पसंख्यक अफगान सिखों और हिंदुओं पर अत्याचार जारी है। खासकर पकतिया का इलाका 1980 के दशक से मुजाहिदीन और तालिबान/हक्कानी समूह का गढ़ हुआ करता था। तालिबान का आतंक यहां ज्यादा था कि अफगानिस्तान की सरकार का यहां कोई दखल नहीं था।
तालिबान का बढ़ता तांडव
पिछले साल पकतिया से निदान सिंह सचदेव का अपहरण कर लिया गया था। वह सावन के महीने से पहले सेवा के लिए गुरुद्वारे पहुंचे थे। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। अमेरिकी सेना के जाने के बाद से तालिबान का तांडव और बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबानी संगठन ने पकतिया में सरकारी सलाम टेलिकम्यूनिकेशन नेटवर्क के 11 टावरों को ध्वस्त कर दिया था। यहां पर लगे तकनीकी उपकरण भी जब्त कर लिए थे।