ANKARA. तुर्किए में 6 फरवरी को आए भीषण भूकंप ने तबाही ला दी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.8 थी। भूकंप से तुर्की-सीरिया में भारी नुकसान की खबर है। यहां कई बिल्डिंग्स भूकंप के चलते गिर गईं। अब तक 2600 से ज्यादा की मौत की खबर है। तुर्किए के प्रेसिडेंट रजब तैयब अर्दोआन ने कहा- हमारे देश में अब तक 912 लोग मारे जा चुके हैं, 5 हजार से ज्यादा जख्मी हुए हैं। अधिकारी अभी भी ये बताने में नाकाम हैं कि कितने लोगों की मौत हुई है। 45 देशों ने मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है। सीरिया की न्यूज एजेंसी के मुताबिक, वहां 320 लोग मारे गए हैं और एक हजार से ज्यादा जख्मीं हैं।
एडमिनिस्ट्रेशन ने मौत का आंकड़ा बढ़ने की बात कही है। तुर्किए से करीब 774 किमी दूर सीरिया की धरती भी कांपी। सीरिया में भी कई इमारतें ढह गईं। तुर्किए में भूकंप स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 4.17 बजे भूकंप आया। इसका केंद्र (एपी सेंटर) जमीन से 17.9 किलोमीटर अंदर था। भूकंप के झटके तुर्की के गाजियांटेप के पास महसूस किए गए। भूकंप के तेज झटकों में कई इमारतें ढह गईं। भूकंप का एपीसेंटर तुर्किए का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई।
कई देशों तक महसूस हुए झटके
बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके लेबनान, सीरिया में भी महसूस किए गए। सीरिया में अलेप्पो और हमा शहर से नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं। सिविल डिफेंस के मुताबिक, सीरिया में तुर्की से लगे इलाकों में कई इमारतें गिर गईं। सीरिया की राजधानी दमिश्क में भूकंप के झटकों के बाद लोग सड़कों पर आ गए। लेबनान में करीब 40 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। इजराइल में भी झटके आए।
70 से ज्यादा आफ्टर शॉक्स आ चुके
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद 78 आफ्टर शॉक्स रिकॉर्ड किए गए। इन सब की तीव्रता 4 से 6 के बीच रही। पहले भूकंप के बाद आए 7 झटकों की तीव्रता 5 से ज्यादा थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगले कुछ घंटों और दिनों तक आफ्टर शॉक्स महसूस किए जाएंगे।
मोदी ने जताया दुख
तुर्की के आसपास के देशों में भी नुकसान की आशंका है।
भारत के 140 करोड़ लोगों की संवेदनाएं, सभी भूकंप पीड़ितों के साथ हैं।
भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
तुर्किए में अक्सर आते हैं भूकंप
तुर्किए की भौगोलिक स्थिति के चलते यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। यहां 1999 से अब तक भूकंप से 18 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
ऐसे आता है भूकंप
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के अंदर प्लेट्स लगातार घूमती (Movement) रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
तीव्रता के हिसाब से कैटेगरी
- रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं।