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NEW DELHI. खुफिया सूत्रों के मुताबिक शनिवार सुबह दो अज्ञात बंदूकधारियों ने आतंकी को गोली मार दी। घटना को अंजाम पाकिस्तान के लाहौर स्थित जौहर टाउन में दिया गया। परमजीत जौहर कस्बे में सनफ्लावर सोसाइटी में अपने घर के पास सुबह करीब 6 बजे टहल रहा था। इसी दौरान मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात लोग आए और आतंकी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ पंजवार की हत्या
खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के चीफ और आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवार उर्फ मलिक सरदार सिंह ढेर हो गया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक शनिवार सुबह दो अज्ञात बंदूकधारियों ने आतंकी को गोली मार दी। घटना को अंजाम पाकिस्तान के लाहौर स्थित जौहर टाउन में दिया गया।
घर के पास सुबह करीब 6 बजे टहलते समय मारी गोली
बताया गया है कि परमजीत जौहर कस्बे में सनफ्लावर सोसाइटी में अपने घर के पास सुबह करीब 6 बजे टहल रहा था। इसी दौरान मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात लोग आए और आतंकी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसे घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परमजीत सिंह को जुलाई 2020 में यूएपीए के तहत भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया था।
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पंजाब में आतंकियों के संपर्क में आकर 1986 में केसीएफ बनाया
पंजाब के तरनतारन के गांव में जन्मे 59 वर्षीय परमजीत सिंह पंजवार सिख उग्रवाद, हत्या, नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी आदि में लिप्त था। इससे पहले वह सोहल में एक केंद्रीय सहकारी बैंक में काम करता था। इसके बाद वह पंजाब में आतंकियों के संपर्क में आया है और 1986 में केसीएफ का गठन किया। वह भारत में हिंसा के लिए हथियार और नशीली दवाइयां सप्लाई करता था।
परमजीत पर टाडा एक्ट में करीब 2 दर्ज मामले भारत में दर्ज हैं
परमजीत पर टाडा एक्ट समेत तमाम धाराओं में करीब 2 दर्ज मामले भारत में दर्ज हैं। अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 1986-87 में पंजाब में कई आतंकवादी समूहों का गठन हुआ था। इनमें से एक केसीएफ भी था। इसकी शुरुआत वासन सिंह जफरवाल ने की थी। इसके बाद इसमें सुखदेव सिंह उर्फ सुखा निवासी पंजवार (जो पुलिस विभाग में कांस्टेबल था) शामिल हो गया।
परमजीत की पत्नी और दो बच्चे जर्मनी में रहते हैं
सुखा पुलिस विभाग से फरार था। वर्ष 1989 में सुखदेव सिंह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। इसके बाद कंवरजीत सिंह इस संगठन का प्रमुख बना और परमजीत सिंह पंजावार उप निदेशक। कंवरजीत सिंह की मृत्यु के बाद परमजीत सिंह इस संगठन का प्रमुख बन गया। वह पिछले लंबे समय से भारत से फरार होकर पाकिस्तान में नाम बदलकर रह रहा था। उसकी पत्नी और दो बच्चे जर्मनी में रहते हैं।