डब्ल्यूएचओ ने कहा- यदि संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से मनुष्यों को बर्ड फ्लू हुआ, तो यह चिंता का विषय

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The Sootr
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डब्ल्यूएचओ ने कहा- यदि संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से मनुष्यों को बर्ड फ्लू हुआ, तो यह चिंता का विषय

इंटरनेशनल न्यूज. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एच5एन1 मानव एवियन इन्फ्लूएंजा बर्ड फ्लू के बारे में चिंता जाहिर की है। संगठन ने कहा कि मनुष्यों को शायद ही कभी बर्ड फ्लू होता है। हालांकि अगर ऐसा होता है तो इसका कारण आमतौर पर संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आना है। प्रमुख टेडरोस अदनहोम गेब्रेहेसुस ने कहा था कि मनुष्यों को बर्ड फ्लू का खतरा कम है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन यह देखने के लिए उपलब्ध जानकारी की समीक्षा कर रही है कि क्या इसके प्रभाव के मूल्यांकन की समीक्षा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में पक्षियों में वायरस के व्यापक प्रसार और मनुष्यों सहित स्तनधारियों में मामलों की बढ़ती रिपोर्ट को देखते हुए वैश्विक एच5एन1 स्थिति चिंताजनक है।





11 वर्षीय लड़की की मौत के बाद पिता भी मिले संक्रमित





दक्षिण पूर्व कंबोडिया के प्री वेंग प्रांत की 11 वर्षीय लड़की के पिता को भी एच5एन1 मानव एवियन इन्फ्लूएंजा से संक्रमित पाया गया है। जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एच5एन1 मानव एवियन इन्फ्लूएंजा बर्ड फ़्लू के बारे में चिंता जाहिर की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि लड़की के पिता की रिपोर्ट आने के बाद एच5एन1 मानव एवियन इन्फ्लूएंजा के मानव-से-मानव संचरण की आशंका बढ़ गई है। गौरतलब है कि एच5एन1 मानव एवियन इन्फ्लूएंजा से पीड़ित लड़की की मौत हो गई थी। 





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मृतक लड़की की मौत के बाद 12 लोगों के लिए थे नमूने





कंबोडिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दक्षिण पूर्व कंबोडिया के प्री वेंग प्रांत की 11 वर्षीय लड़की में 16 फरवरी को बुखार, खांसी और गले में खराश के लक्षण मिले थे, जिसके बाद 23 फरवरी, बुधवार को H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के कारण उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद अधिकारियों ने उसके संपर्क में आए 12 लोगों के नमूने लिए थे। इन नमूनों की जांच में लड़की के 49 वर्षीय पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। 





1997 में हांगकांग में मिला था पहला मामला





बर्ड फ्लू को एवियन इंफ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन (संक्रमण) होता है। वैसे तो बर्ड फ्लू कई प्रकार हैं, लेकिन एच5एन1 (H5N1) पहला ऐसा बर्ड फ्लू वायरस था, जिसने पहली बार इंसान को संक्रमित किया था। इसका पहला मामला साल 1997 में हांगकांग में सामने आया था, जबकि पहली बार 1996 में चीन में बर्ड फ्लू का पता चला था। यह बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाले पानी के संपर्क में आने से इंसानों में होती है। 





ये हैं बर्ड फ्लू के लक्षण: खांसी (आमतौर पर सूखी खांसी), गले में खराश, बंद नाक या नाक बहना, थकान, सिरदर्द, ठंड लगना, तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में दर्द, नाक से खून बहना, सीने में दर्द आदि। 



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