स्पेस टूर: कुछ देर में अंतरिक्ष रवाना होंगे बेजोस, 52 साल पहले आर्मस्ट्रॉन्ग चांद पर पहुंचे थे

author-image
एडिट
New Update

स्पेस टूर: कुछ देर में अंतरिक्ष रवाना होंगे बेजोस, 52 साल पहले आर्मस्ट्रॉन्ग चांद पर पहुंचे थे

दुनिया की टॉप ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस कुछ ही देर में अंतरिक्ष की यात्रा पर जाएंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेफ बेजोस ने आज का दिन इसलिए चुना क्योंकि अपोलो 11 स्पेसशिप के जरिए एस्ट्रोनॉट्स नील आर्मस्ट्रॉन्ग और बज एल्ड्रिन आज से ठीक 52 साल पहले 1969 में चांद पर गए थे। अमेजन फाउंडर जेफ बेजोस की स्पेस फ्लाइट कंपनी ब्लू ओरिजिन अपनी पहली ह्यूमन स्पेस फ्लाइट के लिए पूरी तरह तैयार है। इस सफर के दौरान बेजोस समेत चार यात्री और होंगे, जो पृथ्वी की सतह से 100 किमी ऊपर कारमन लाइन तक जाएंगे और फिर सुरक्षित वापस लौटेंगे। पूरी फ्लाइट का समय 10-12 मिनट का होगा।

फ्लाइट में कौन-कौन होगा और कब उड़ेगी?

बेजोस की फ्लाइट 10-12 की सबऑर्बिटल फ्लाइट होगी, यानी यह पृथ्वी की कक्षा में नहीं जाने वाली। 20 जुलाई को बेजोस की ब्लू ओरिजिन कंपनी का न्यू शेपर्ड रॉकेट वेस्ट टेक्सास के रेगिस्तान से भारतीय समयानुसार शाम 6:30 बजे उड़ेगा। यात्रियों को 20 जुलाई की शाम 6:30 बजे के लॉन्च से 45 मिनट पहले ऑन-बोर्ड होगा। क्रू ने मिशन के लिए 48 घंटे यानी 2 दिन की ट्रेनिंग ली है। कर्मचारी भी 8 घंटे की दो दिन की ट्रेनिंग कर चुके हैं। यह ट्रेनिंग टिकट खरीदने वाले सभी कस्टमर्स के लिए जरूरी होगी। रॉकेट के साथ एक कैप्सूल होगा, जिसमें बेजोस के साथ उनके भाई मार्क, 82 वर्षीय वैली फंक और 18 वर्षीय टीनेजर ओलिवर डेमेन भी होंगे। इस फ्लाइट के बाद फंक सबसे बुजुर्ग और डेमेन सबसे युवा एस्ट्रोनॉट बन जाएंगे।

कहां-कहां और कैसे जाएगी फ्लाइट

करीब तीन मिनट की फ्लाइट के बाद ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड रॉकेट से बेजोस का कैप्सूल अलग होगा और स्पेस में आगे बढ़ेगा। करीब चार मिनट उड़ान भरने के बाद वह 100 किमी ऊपर यानी कारमन लाइन को पार करेगा। इस दौरान यात्रियों को वेटलेसनेस महसूस होगी और कैप्सूल जमीन पर लौटने की शुरुआत करेगा। करीब 10-12 मिनट की फ्लाइट के बाद कैप्सूल पैराशूट की मदद से रेगिस्तान में उतरेगा। इस दौरान रॉकेट भी धरती पर लौट आएगा।

ब्रैन्सन भी गए थे स्पेस में

एक हफ्ते पहले 11 जुलाई को ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैन्सन के वर्जिन स्पेस शिप यूनिटी स्पेसप्लेन की फ्लाइट सफल रही। वे 85 किमी तक गए थे। ब्रैन्सन के साथ भारतीय मूल की सिरिशा बांदला भी गई थीं, वहीं बेजोस का न्यू शेपर्ड रॉकेट बनाने वाली इंजीनियरों की टीम में महाराष्ट्र के कल्याण की 30 वर्षीय संजल गवांडे भी शामिल थीं।

सैरगाह बन रहा अंतरिक्ष
Advertisment