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कभी अवैध शराब के चलते बदनाम रहने वाला मप्र के शहडोल का एक छोटा सा गांव बिचारपुर आज मिनी ब्राजील के नाम से मशहूर होता जा रहा है। इसके पीछे वजह है यहां फुटबॉल के लिए बढ़ती बच्चों और युवाओं में दीवानगी। बिचारपुर की तस्वीर बदलने का जिम्मा उठाया पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी और कोच रईस अहमद ने। सीमित संसाधन और कई परेशानियों के बाद भी रईस ने फुटबॉल से युवाओं को जोड़ा और आज यहां से तकरीबन 40 से ज्यादा राष्ट्रीय और राज्य स्तर के खिलाड़ी सामने आ चुके हैं।