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देश का हृदय प्रदेश यानी अपना मध्यप्रदेश फिर खबरों में है और इसकी सबसे बड़ी वजह है भ्रष्टाचार। 52 किलो सोने ने राजधानी को पूरे देश में सुर्खियों में ला दिया है। सतना से भोपाल तक, इंदौर से बुंदेलखंड तक और खाकी से खर्राटों तक मध्यप्रदेश ऐसा मैदान बन गया है, जहां हर खिलाड़ी अपने खेल का जलवा दिखा रहा है।
एक तरफ वॉट्सऐप चैट्स की गर्माहट से राजनीति का पारा चढ़ा हुआ है तो दूसरी तरफ प्यारे की गुमशुदगी का रहस्य किसी मसाला फिल्म की पटकथा तैयार कर रहा है। वहीं, भाईसाहब अपने सख्त तेवरों से अफसरों को घेर रहे हैं। साहब लोग जमीन- जायदाद में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
खास बात ये है कि खर्राटे वाले साहब अपनी बैठक वाली नींद से भी सुर्खियां बटोर रहे हैं। तो जनाब, मध्यप्रदेश की ये सियासी और प्रशासनिक कहानियां किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं हैं। तो हो जाइए तैयार… आप तो सीधे नीचे उतर आईए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए...
अश्लील वॉट्सऐप चैट किसकी है भाई!
सतना इन दिनों भारी चर्चा में है और इसकी वजह है, एक अश्लील वॉट्सऐप चैट। सोशल मीडिया में सामने आई इस वॉट्सऐप चैट में बीजेपी के कुछ नेताओं के नाम हैं। जिसने भी यह चैट पढ़ी है, वो सोचने पर मजबूर है कि क्या ये वाकई सही है! पार्टी के नेता ही अंदरखाने सवाल उठा रहे हैं कि यदि ये चैट सही है तो आखिर चल क्या रहा है? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चैट में बीजेपी के सतना जिले के नेताओं के नाम का जिक्र है। अब हकीकत क्या है और फसाना क्या... ये तो पार्टी की अंदरूनी जांच में ही सामने आएगा, लेकिन फिलहाल बात दिल्ली तलक पहुंच गई है।
भाईसाहब खोल रहे अफसरों की पोल
इंदौर वाले भाईसाहब अपने सख्त तेवरों से रह-रहकर मानो सरकार की नाक में दम किए हैं। सच्ची बात बेधड़क कहने के अंदाज से वे इन दिनों सबकी नजरों में हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने एक मेगा मंथन में अफसरों की कलाकारी की पोल खोलकर रख दी। क्या साहब लोग और क्या नेताजी... सब एक- दूसरे को देखते रह गए। भाईसाहब इससे पहले विधानसभा और कैबिनेट बैठक में भी अधिकारियों की ऐसी आंकड़ेबाजी पकड़ चुके हैं। वहीं, बुंदेलखंड वाले दूसरे भाईसाहब का जलवा भी कायम है। कुल मिलाकर अब संगठन के स्तर पर ऐसे विकास और विवाद का तोड़ निकालने की कोशिश की जा रही है, ताकि अंदरखाने की खबरें बाहर मीडिया में न आ सकें।
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साहब को जमीनें पसंद हैं...
खाकी वाले महकमे के एक साहब को जमीनें पसंद हैं। अरे मतलब, जहां मौका मिलता है, वे या उनके रिश्तेदार जमीन खरीद डालते हैं। अब ताजा मामला भोपाल से सटे इलाके का है। यहां साहब के रिश्तेदार ने जमीन ली है। वक्त वे वक्त साहब और उनके रिश्तेदार यहां जा पहुंचते थे। एक दिन पहले साहब के रिश्तेदार बाकायदा पुलिस की नेम प्लेट लगाकर पहुंचे तो गांव वाले भड़क गए। एक महिला ने तो जहर तक गटक लिया। लोग हंसिया लेकर बाहर आ गए। मामला बढ़ा तो साहब भी मौके पर पहुंचे और संभालने की कोशिश की, लेकिन बात बिगड़ गई। ये तो हुआ एक मामला, अब साहब की बिरादरी के लोग ही कह रहे हैं कि सिंह साहब और कितनी जमीनें खरीदेंगे।
अरे भई! ये प्यारे कहां चला गया...
भोपाल की सड़कों पर इनोवा कार ने ऐसा धमाका किया, मानो बॉलीवुड की किसी बड़ी रिलीज का ट्रेलर चल रहा हो। जी हां, 10 करोड़ कैश और 52 किलो सोने के साथ जंगल में मिली ये गाड़ी पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। कहानी में सस्पेंस तब और बढ़ गया है, जब लोकायुक्त के छापे के बीच सौरभ शर्मा का ड्राइवर प्यारे गाड़ी लेकर ऐसा रफूचक्कर हो गया। उस दिन भोपाल की गलियों में गाड़ी चार घंटे तक घूमती रही। कुछ ठिकानों पर रुकी भी। अब सुनने में आया है कि कार से 10-12 करोड़ और 25 किलो सोना 'गायब' भी किया गया है। आखिर में कार रातीबड़ के जंगल में मिली। असल सवाल यही है कि प्यारे कहां गया? ईडी इस मिस्ट्री में अपनी ताकत लगा चुकी है। जानकार कह रहे हैं कि यदि प्यारे सामने आ गया तो राज इतने खुलेंगे कि भोपाल की हवा भी झेंप जाएगी। तब तक प्यारे की इस गोल्डन गुमशुदगी पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
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खर्राटे वाले साहब...
काम की थकावट के चलते कई बार बैठकों में अफसरों और नेताओं को नींद के झोंके आने की खबरें आपने कई बार देखी और सुनी होंगी। लेकिन, आज हम आपको खर्राटे वाले अफसर की दास्तां बताने जा रहे हैं। ये साहब बैठकों में न केवल सो जाते हैं, बल्कि जोरों के खर्राटे भी मारने लगते हैं। ऐसा एक दो बार नहीं, कई बार हो चुका है। हाल ही में डॉ. साहब ने मिशन 2025 के लिए मंत्रियों और आला अफसरों को मंथन के लिए बुलाया था तो ये साहब वहां भी खर्राटे मारने से नहीं चूके। अब दूसरे अफसर कह रहे हैं कि पता नहीं साहब को बैठे- बैठे नींद आने की बीमारी है या फिर ये साहब रात को कहीं ओर ओवर टाइम कर रहे हैं, जो दिन में नींद आती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन साहब का नए साल में बड़े पद पर प्रमोशन होने वाला है।
ईएनसी के मोह ने कराई किरकिरी
डॉक्टर साहब की कोटरी के एक अफसर रिटायर्ड ईएनसी के फेर में अपनी किरकिरी करवा चुके हैं। दरअसल, ये साहब इतने ज्यादा ओवर कॉन्फिडेंट थे कि इन्होंने सरकार के सक्षम प्राधिकारी की सहमति के बिना ही संविदा पर काम कर रहे रिटायर्ड ईएनसी की संविदा नियुक्ति का कार्यकाल बढ़ा दिया। मामला डॉक्टर साहब की जानकारी में आया तो वे नाराज हुए और तत्काल संविदा नियुक्ति के कार्यकाल बढ़ाने का आदेश निरस्त किया गया। अब ये साहब कहते फिर रहे हैं कि मैंने तो काम में कोई रुकावट नहीं आए, इसलिए ऐसा किया था, लेकिन जानकार कह रहे हैं कि इन साहब की रिटायर्ड ईएनसी से बड़ा खेला करने की ट्यूनिंंग जम गई थी, इसलिए साहब ने अपने अधिकार से बाहर जाकर तत्काल आदेश कर दिए।
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