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यह है अपना प्यारा प्रदेश... यहां सत्ता के गलियारे में किसके तेवर कब गरम हो जाएं, किसकी ज़ुबान कब फिसल जाए, किसकी लिस्ट कब आ जाए और किसका मंत्रालय कब बदल जाए... इसका कोई भरोसा नहीं। अब देखिए ना, डॉक्टर साहब चुपचाप बैठे थे, अचानक अंगड़ाई ली और बड़े साहब को तीन बार आईना दिखा दिया, वो भी एक ही दिन में।
उधर मंत्रालय में ‘भेड़िया आया, भेड़िया आया’ की तर्ज़ पर आईएएस-आईपीएस की लिस्ट का शोर मचता है, फिर सब फोन घुमाते रह जाते हैं, लिस्ट मिलती नहीं, अफवाहें ज़रूर मिल जाती हैं। ऊपर से बहनजी, जिनकी मीठी वाणी अब गालियों में बदल गई है। राजनीति में क्या-क्या नहीं सुनना पड़ता।
खैर, देश-प्रदेश में खबरें तो और भी हैं, पर आप तो सीधे नीचे उतर आइए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए।
डॉक्टर साहब के सख्त तेवर
अब डॉक्टर साहब फुल फॉर्म में आ गए हैं। हाल ही में उन्होंने ऐसे तेवर दिखाए हैं कि बड़े साहब को एक दिन में तीन बार तारे दिखा दिए। हॉट सीट पर बैठने के बाद बड़े साहब ने प्रशासनिक मशीनरी पर शिकंजा कस दिया था। यहां तक कि डॉक्टर साहब की टीम को भी नहीं छोड़ा। पहले डॉक्टर साहब पूरे मसले पर चुप बने रहे। उन्होंने एक्शन का रिएक्शन नहीं दिया।
उधर, बड़े साहब दिल्ली के नाम पर प्रशासनिक मशीनरी में जबरदस्त धमक जमाने लगे। फिर अचानक एक दिन डॉक्टर साहब के सब्र का बांध टूट गया। फिर क्या था... एक ही दिन में तीन बार अलग-अलग बैठकों में बड़े साहब को आईना दिखा दिया।
तब से बड़े साहब सकते में हैं कि आखिर कल तक चुप्पी साधने वाले डॉक्टर साहब कैसे मुखर हो गए। उन्हें बूस्टर डोज कहां से मिल गया। इन सबके बीच बड़े साहब से बैर रखने वाले खींसे निपोर रहे हैं। उनका कहना है कि चलो... देर से सही, लेकिन लगाम तो कसी गई।
भेड़िया आया, भेड़िया आया
आईएएस-आईपीएस की लिस्ट तो ऐसी हो गई कि आज आई और कल आई, लेकिन लिस्ट है कि आने का नाम ही नहीं ले रही। दरअसल, मंत्रालय के गलियारों में देर शाम अचानक हवा चलती है कि आज लिस्ट आने वाली है। कार्मिक विभाग तैयारी कर रहा है।
उसके बाद अफसरों और पत्रकारों के फोन अपने सोर्स के पास घनघनाने लगते हैं। डेढ़-दो घंटे की मशक्कत के बाद पता चलता है कि किसी ने वैसे ही हवा उड़ा दी थी। लिस्ट का मामला भेड़िया आया... भेड़िया आया... वाली कहावत की तरह हो गया है। जिस दिन आएगी शायद किसी को भनक ही न लगे।
वैसे अय्यारों का कहना है कि सीएम विदेश यात्रा से पहले लिस्ट जारी करके जाएंगे। हालांकि जानकार कहते हैं कि देर हो ही गई है, तो हो सकता है कि सीएम विधानसभा सत्र के बाद लिस्ट जारी कराएं।
अब तो मेरा मंत्रालय बदल दो!
ग्वालियर-चंबल के एक मंत्रीजी बेहद परेशान हैं। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा उन्हें परेशान कर रही है। करीब दो साल पहले सीएम की अध्यक्षता में हुई फायनेंस की बैठक में जब सितंबर 2023 में बिजली के मामले में जीरो किया गया। फिर अब बिल वसूलने की बात आई तो मंत्रीजी बिफर गए। उन्होंने कहा, पूर्व सीएम ने लोगों से बिजली माफी का वादा किया था।
अब ऐसे में जनता से वसूली होगी तो मेरी किरकिरी होगी। यदि ऐसा ही करना है तो मेरा मंत्रालय बदल दो। मंत्रीजी की परेशानी देखते हुए सीएम ने मुस्कराते हुए फायनेंस को रास्ता निकालने को कहा है। अब देखते हैं, जनता को पैसे भरने होंगे या मंत्रीजी अपनी किरकिरी कराने से बच जाएंगे।
मंत्रियों के ओएसडी ढूंढ रहे जमीनें
तबादला सीजन ने किसे कितना तर किया है, ये तो पता नहीं... लेकिन कुछ बड़े मंत्रियों के ओएसडी ज़रूर तरबतर नज़र आ रहे हैं। इनमें से कुछ ओएसडी और उनके स्टाफ में ज्यादा दखल रखने वाले अफसर इंदौर के बड़े प्रॉपर्टी डीलर और हवाला करने वाले एक ज्वेलर्स के संपर्क में आए हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग जमीन में अच्छा-खासा निवेश करना चाहते हैं। अब ये काला-पीला माल किसका है, ये तो राम जाने, लेकिन तबादलों का माल अब निकलता दिख रहा है।
महाराज पर केस और नेताजी!
तीन दिन से मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल से लेकर मध्य तक और मालवा से लेकर निमाड़ तक एक चर्चा जोरों पर है। जी हां, यहां बात सीबीआई छापों की हो रही है। क्या है कि सीबीआई ने महाराज पर भी केस ठोक दिया है। उधर, महाराज के चेले उनका जन्मोत्सव मना रहे हैं। बुंदेलखंड में बड़ा आयोजन किया गया। पहले पहल लगा कि राजनेता इस कार्यक्रम से दूरी बना लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सूबे के एक बड़े नेता की ओर से अपने समर्थकों के बीच तर्क दिया गया कि ये कोई नई बात थोड़ी है। केस तो होते रहते हैं। ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा ना कि उनकी इस कांड में कितनी भूमिका है। लिहाज़ा, कई बड़े नेता महाराज के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे।
उधर, यूं हर साल महाराज के अवतरण दिवस पर नेताओं के सोशल मीडिया पोस्ट की बाढ़ आ जाती थी, लेकिन ऐसा इस बार नहीं हुआ। कई दिग्गज नेताओं ने महाराज को सोशल मीडिया वाली बधाई नहीं दी।
मामा ने मार्केट में बने रहने का तोड़ निकाला
मध्यप्रदेश के मामा ने मार्केट में लोकप्रिय बने रहने का तोड़ निकल लिया है। अब देखिए न, कल वे खेतों में पांव—पांव चल रहे थे और आज ट्रेन से आम यात्रियों की तरह सफर किया। कुल मिलाकर जनता से संवाद का वे कोई मौका नहीं छोड़ते।
बात चाहे कश्मीर की डल झील में चाय की चुस्कियों की हो या सेब के बागानों की... हर जगह वे अपनी ही स्टाइल में रहते हैं। फिलहाल तो उनका एक भाषण चर्चा में है, जो उन्होंने बीजेपी दफ्तर में नए अध्यक्ष के स्वागत में दिया था। उन्होंने उन विक्रम वर्मा का जिक्र किया, जिनके खिलाफ खड़े होकर भाजपा की परंपरा तोड़ी थी और बड़े नेताओं की नाराज़गी झेली थी।
बहन जी तो गालियां भी देती हैं!
सूबे की सियासत में एक माननीया का ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें वे एक युवक को धमका रही हैं। उनका आवेश इतना तेज है कि वे गालियां तक दे रही हैं। यही नहीं, बातों-बातों में उन्होंने पुराने विधायक जी के नाम का ज़िक्र तक कर डाला। अब पीड़ित युवक भी पीछे नहीं रहा। उसने लगे हाथ थाने में शिकायत कर डाली और पुलिस ने भी संज्ञान ले लिया।
अब मैडम को समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें। वैसे आपको बता दें कि मैडम आधिकारिक तौर पर किसी दल में हैं, ये किसी को पता नहीं है। फिलहाल तो जलने वाले उनके बातचीत करने के लहज़े को लेकर उनकी घेराबंदी कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि मैडम की वाणी तो कम से कम निर्मल होनी चाहिए।
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बोल हरि बोल हरीश दिवेकर | HARISH DIVEKAR | Harish Divekar Journalist | Harish Divekar Bol Hari Bol | Harish Divekar बोल हरि बोल | MP News