नितिन मिश्रा, RAIPUR. शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने बर्तन बैंक और झोला बैंक की शुरुआत की थी। जिसकी पड़ताल द सूत्र की टीम ने आज की है। शहर के लोगों को बर्तन बैंक के बारे में कोई भी जानकारी नहीं हैं। साल भर पहले शुरू हुई योजना अब घुटने टेक चुकी हैं। वहीं नगर निगम के अधिकारी का कहना है कि योजना शुरू की गई थी, लेकिन कुछ समय से बंद हो गई हैं।
निगम की यह थी योजना
बर्तन बैंक और झोला बैंक की योजना नगर निगम रायपुर ने 2022 में शुरू की थी, इस उद्देश्य से कि शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाना है। इसके लिए शहर के दस ज़ोन में इसकी शुरुआत की गई थी। साथ ही शहर के सभी 70 वार्डों में भी इनको खोला जाना था। जिससे शहर पॉलीथिन मुक्त होकर स्वच्छता की ओर बढ़ सके। इस दुकान को महिला स्वसहायता समूह द्वारा चलाया जा रहा था।
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केवल नाम की है योजना
द सूत्र की टीम आज बर्तन बैंक की पड़ताल करने शहर में निकली, शहर के दस जोनों में यह योजना शुरू की गई थी और इसे वार्ड स्तर पर भी शुरू किया जाना था। द सूत्र की टीम उन जगहों पर गई जहां इसकी शुरुआत की गई थी। उन जगहों पर बर्तन बैंक का नामोनिशान तक देखने को नहीं मिला। यहां तक कि आसपास के लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि बर्तन बैंक और झोला बैंक के बारे में किसी को जानकारी ही नहीं हैं। साथ ही लोग बर्तन बैंक की जगह टेंट वालों की दुकान का पता बता रहे थे।
बंद हो चुकी है योजना
नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील चन्द्रवंशी ने बताया कि यह योजना पिछले साल शुरू की गई थी, इसे महिला स्वसहायता समूह द्वारा चलाया जा रहा था। लेकिन अब कुछ समय से यह योजना बंद हो चुकी है। लोगों कि सही रिस्पांस नहीं मिलने से दुकाने बंद हो चुकी हैं।आने वाले समय में इसे फिर से शुरू किया जाएगा।