RAIPUR: मंत्री सिंहदेव ने कहा - गंभीरता से लेने का समय आ गया, नागरिक सतर्क रहें और सावधानी बरतें

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Yagyawalkya Mishra
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RAIPUR: मंत्री सिंहदेव ने कहा - गंभीरता से लेने का समय आ गया, नागरिक सतर्क रहें और सावधानी बरतें

Raipur।कोरोना के मरीज़ों के बढ़ते ग्राफ़ को लेकर राज्य सरकार चिंतित है। स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कोरोना मरीज़ों के शतक पार आँकड़ों का ज़िक्र करते हुए इसे बेहद अलार्मिंग करार दिया है।स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने चौथी लहर की विश्व व्यापी चर्चा का ज़िक्र करते हुए नागरिकों से आग्रह किया है कि, वे स्थितियों को समझें और कोरोना को लेकर यह भ्रम हटा दें कि, कोरोना जा चुका है। कोरोना को लेकर सावधानी और सतर्कता के कड़े अनुशासन की जरुरत है।

  स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से द सूत्र ने दूरभाष पर चर्चा करते हुए कोरोना के आँकड़ों को लेकर कहा




“गंभीरता से लेने का समय आ चुका है। कोरोना की एक से दो, दो से चार और चार से सोलह के गुणन में बढ़ने की प्रकृति है।1 मरीज़ से संक्रमण 425 तक पहुँच सकता है।मसला यह है कि लापरवाही बड़ा नुक़सान पहुँचा रही है।लगातार कहा जा रहा है मास्क लगाएँ, सतर्कता बरतें लेकिन ये अनुशासन व्यक्ति को खुद में लाना होगा, मैं फिर कह रहा हूँ कि लापरवाही बड़ा नुक़सान पहुँचा सकती है”



 द सूत्र ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से सवाल किया

“स्वास्थ्य विभाग के अपने ही फ़्रंट लाईन वर्कर्स को जिनकी संख्या क़रीब सत्रह हज़ार से उन्नीस हज़ार है, वे ही बूस्टर डोज़ नहीं लगा रहे है”



मंत्री सिंहदेव ने जवाब दिया




“कोरोना का बूस्टर डोज़ स्वैच्छिक है, समझदारी यही है कि लगाएँ, लेकिन चुंकि स्वैच्छिक है तो हम दबाव बना कर लगवाएँ यह मुश्किल है।ये

जो बूस्टर डोज़ है वो साठ साल से उपर और हेल्थ वर्कर फ्रंट लाइन वर्कर के लिए फ़्री है और सरकारी केंद्रों में लगाया जा रहा है, लेकिन 18 से 60 के बीच प्रायवेट चिकित्सा संस्थानों को केंद्र ने यह दिया है।मैंने तब भी इस नीति का विरोध किया था”




बूस्टर डोज़ पर मंत्री सिंहदेव ने आगे कहा




“कोवेक्सिन के बीस और कोविशिल्ड के दस बूस्टर डोज़ एक पैकेट में होते हैं।इसको लेकर यह भी है कि, इसे खोलते भी तब हैं जब पैकेट के बराबर वैक्सीन लगाने वाले हों, क्योंकि यदि कम हुए और पैकेट खुला तो बची डोज़ ख़राब हो जाती है”



 स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से सवाल हुआ कि,क्या ये संभावित चौथी लहर है और यह प्राणघातक नहीं साबित हो रही इसलिए इस पर गंभीरता नहीं है, इस पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा




“बीमारी कितनी ख़तरनाक है, जीवन और मृत्यु से ही ख़तरा भाँपते हैं।इसे समझने का एक और पैमाना है कि यह देखें कि अस्पताल में भर्ती मरीज़ों की संख्या तो नहीं बढ़ रही है, या मरीज़ होम क्वारंटाईन में रह कर ठीक हो रहे हैं, यदि अस्पताल में संख्या बढ़ी तो चिंता ज़्यादा है।इस लिहाज़ से अभी वो स्थिति नहीं है, लेकिन फिर यह भी देखना होगा कि हमने कुछ ही दिन पहले क़रीब 35 बरस के युवा को खोया। एक मौत भी वार्निंग सिग्नल है। उसे दोनों डोज़ लगे थे लेकिन वह कोमॉर्बिटी श्रेणी में था। हमारे लिए तो एक मौत ही गंभीर मसला है। मैं इसलिए ही और बार बार कहता हूँ सावधानी बेहद जरुरी है।”



 स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से सवाल हुआ कि, यदि चौथे चरण की ओर बढ़ रहे हैं तो क्यों नहीं मास्क जैसे अनुशासन अनिवार्य कर दिए जाते ? बूस्टर डोज़ अनिवार्य कर दिए जाते ? इस पर मंत्री सिंहदेव ने कहा




“यह नहीं किया जा सकता, संघीय व्यवस्था है, सब कुछ राज्य के हाथ नहीं है।और यह भी ज़रा देखिए हेलमेट जरुरी है, उसे ना लगाएँ तो जुर्माना है, नहीं लगाए तो मौत जरुरी नहीं पर आशंका भरपूर है, मतलब यह कि लगाना चाहिए ताकि आशंका कम से कम हो। कोरोना के मसले में मास्क और दूरी का अनुशासन भी वैसा ही है। मैं आप के माध्यम से भी नागरिकों से कहना चाहता हूँ, सतर्कता रखिए, कोरोना से बचाव के अनुशासन का पालन करिए”


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