याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसद मसले पर कांग्रेस ने 91 सवालों की प्रश्नावली जारी की है। इन सवालों को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि, कर्नाटक चुनाव में मोदी जी ने कहा 91 बार गालियां दी गईं लेकिन दरअसल उनसे 91 सवाल हैं। इसके जवाब में बीजेपी ने तीखा पलटवार किया है। बीजेपी के राजेश मूणत ने सवाल किया है कि देश में कोई अच्छा काम कर दे तो कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों होता है। बीजेपी ने सवाल किया है कि अंग्रेजों के बाद क्या गांधी परिवार ने क्या पूरे देश का ठेका लिया है कि कोई और अच्छा काम कर दे तो तकलीफ़ होती है।
कांग्रेस ने 91 सवालों को देश की जनता के सवाल बताया
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने 91 सवाल जारी किए हैं। इनकी संख्या 91 होने को लेकर इसका प्रसंग प्रधानमंत्री मोदी की उस बात से है जिसमें कि उन्होंने 91 बार गाली दिए जाने की बात कही थी। इन 91 सवालों को सुशील आनंद शुक्ला ने देश की जनता के सवाल बताया है। इनमें अच्छे दिन कब आएंगे से लेकर पंद्रह लाख, पेट्रोल डीजल कीमत, दो करोड़ रोजगार और चीन को लाल आंख से लेकर स्मार्ट सिटी से जुड़े सवाल हैं।
पंचर उद्योग के तहत कितने युवाओं को रोजगार मिलाः शुक्ला
सवाल यह भी है कि मीडिया की आवाज क्यों दबाई जा रही है, कितने अस्पताल कितने बांध बने, कितने निवेश हुए। सवाल ईडी और आयकर के छापों को लेकर भी है कि कितने बीजेपी नेताओं के यहां छापे पड़े। सवालों की फेहरिस्त में यह सवाल भी है कि पकौड़ा पान और पंचर उद्योग के तहत कितने युवाओं को रोजगार मिला। कांग्रेस ने यह भी पूछा है कि समान नागरिक संहिता को लेकर मोदी सरकार ने क्या किया।
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सवालों पर भड़की बीजेपी का सवाल- कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों
संसद मसले पर कांग्रेस के विरोध और 91 सवालों के जवाब में बीजेपी ने तीखा पलटवार किया है। बीजेपी ने पूछा है कि देश में अंग्रेजों के बाद क्या गांधी परिवार ने पूरे देश का ठेका लिया है। जब भी देश में कोई अच्छा काम हो बेहतर योजना हो तो कांग्रेसियों के पेट में दर्द शुरू हो जाता है। बीजेपी के राजेश मूणत ने कहा- “इस देश में कांग्रेस पार्टी के अतिरिक्त अन्य राजनैतिक दल के लोग काम करें तो कांग्रेस के पेट में दर्द पैदा हो जाता है। क्या राहुल सोनिया के बिना यह देश अधूरा है।
आपने क्या किया ये तो बताओः मूणत
देश के चुने हुए प्रधानमंत्री हैं,125 करोड़ लोगों ने चुनकर दिया है। अगर संसद का लोकार्पण हो तो पेट में दर्द, गरीबों के लिए आवास बनाएं तो पेट में दर्द, गरीब परिवार का बैंक में खाता खुला पैसा सीधे खाते में तो पेट में दर्द,गांव में उज्जवला योजना के माध्यम से गैस की टंकी पहुंचे तो पेट में दर्द, प्रधानमंत्री आवास से गरीब को आवास मिले तो पेट में दर्द, जल जीवन मिशन के माध्यम से देश को मीठा पानी पहुंचे तो पेट में दर्द, आपने क्या किया ये तो बताओ, गरीबी हटाओ बोलते रहे, गरीबी हटी नहीं।”