नितिन मिश्रा, RAIPUR. नए संसद भवन के लोकार्पण समारोह के शुरू होने से समाप्ति तक रायपुर में कांग्रेसियों ने जल सत्याग्रह किया। जैसे ही नई दिल्ली में नए संसद भवन में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण शुरू हुआ, कांग्रेस कार्यकर्ता तेलीबांधा तालाब में जाकर खड़े हो गए। कांग्रेस का यह प्रदर्शन तब तक चलता रहा जब तक कि सदन के लोकार्पण समारोह का समापन नहीं हो गया। कांग्रेस ने राष्ट्रपति के हाथों उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर यह जल सत्याग्रह किया।
सुबह 11 से 2 बजे तक पानी में तख्तियां लेकर खड़े रहे कांग्रेसी
संसद मसले पर कांग्रेस इस बात पर आंदोलित है कि, आखिर राष्ट्रपति इसका उद्घाटन क्यों नहीं कर रही हैं। इसे संवैधानिक प्रमुख के अपमान बताते हुए कांग्रेस तेलीबांधा तालाब में करीब चार घंटे तक जल सत्याग्रह करते रही। यह जल सत्याग्रह करीब 11 बजे शुरू हुआ यह ठीक वही समय था, जबकि प्रधानमंत्री मोदी नई संसद में भाषण दे रहे थे। दर्जनों युवा इस दौरान हाथों में तख्तियां लेकर पानी में खड़े रहे।
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इस जल सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे विनोद तिवारी ने नई संसद का लोकार्पण राष्ट्रपति के हाथों कराए जाने की कांग्रेसी मांग को दोहराते हुए कहा है कि, अनुच्छेद 53 स्पष्ट करता है कि, राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख हैं। अनुच्छेद 299 के आधार को भी देखें तो राष्ट्रपति से ही देश की नई संसद का लोकार्पण कराना था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी केवल श्रेय लेने की राजनीति करते हैं, उनका संवैधानिक मूल्यों पर भरोसा नहीं है। इसलिए जब संसद के लोकार्पण का वह सत्र शुरू हुआ जिसमें पीएम मोदी ने भाषण के साथ संसद भवन की नई बिल्डिंग लोकार्पण किया तो विरोध में यह जल सत्याग्रह किया गया।