पढ़ाई कराने के नाम पर लाए थे, घरेलू काम में चूक पर करते थे पिटाई; महिला बाल विकास और पुलिस ने रेस्क्यू कर छुड़ाया

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पढ़ाई कराने के नाम पर लाए थे, घरेलू काम में चूक पर करते थे पिटाई; महिला बाल विकास और पुलिस ने रेस्क्यू कर छुड़ाया








Raigarh. छत्तीसगढ़ में एक 6 साल की बच्ची का रेस्क्यू किया गया है। रायगढ़ जिले के खरसिया में महिला बाल विकास और खरसिया पुलिस ने मासूम बच्ची को महिला शिक्षिका के घर से रेस्क्यू किया है। दरअसल देर रात अधिकारियों को सूचना मिली कि एक बच्ची के साथ आशा अग्रवाल (आरोपी) के द्वारा मारपीट और बाथरूम में बंद किया जाता है। जिसके बाद अधिकारियों ने खरसिया के मदनपुर सिंचाई कॉलोनी में आशा अग्रवाल के घर दबिश देते हुए बच्ची को बाथरूम से निकाला गया है।




पड़ोसियों की शिकायत पर हुई कार्रवाई



बताया जा रहा है कि बीते कई दिनों से पड़ोसियों को मारने पीटने की आवाज लगातार आ रही थी। जिस पर पड़ोसियों ने नजदीकी पुलिस थाने में इसकी शिकायत की, जिसके बाद महिला बाल विकास और पुलिस अधिकारियों ने टीम बनाकर देर रात बच्ची को रेस्क्यू किया है। महिला खरसिया विकासखंड के बांसमुड़ा में शासकीय प्राथमिक शाला स्कूल में शिक्षक के पद पर पदस्थ है।




पढ़ाई कराने के नाम पर लाए थे



अधिकारियों ने महिला और पति से पूछताछ की तो पता चला कि बीते 2 साल से बच्ची को अपने साथ रखे हुए हैं। पति विश्रामपुर क्षेत्र में ट्रांसपोर्टिंग का काम किया करता था, इसी दौरान उसका ड्राइवर गरीब होने के कारण अपने मालिक को अपनी बच्ची दे दिया। ताकि बच्चे की पढ़ाई लिखाई अच्छे से हो सके। मिली जानकारी के अनुसार आरोपी मासूम के साथ घर के काम में चूक होने पर पिटाई करती रही। फिलहाल अधिकारियों ने बच्ची अपने पास रख लिया है और सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया है महिला और पति पर नियम के अनुसार कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। पुनीता जायसवाल का कहना है कि फोन के माध्यम से बताया गया कि यहां पर एक बच्ची है, जो टॉयलेट में बंद है। SDOP मैडम और चौकी थाना में बात करने के बाद बच्ची को बचाने पहुंचे। टीम जब पहुंची तो बच्ची बाथरूम में बंद थी और कोने में दुबके हुए बैठी थी।



पहले भी हुआ है बच्ची का रेस्क्यू




जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना का कहना है कि पुलिस के सहयोग से प्रयास के बाद बच्ची को वहां से निकाला गया और सुरक्षित किया गया। बच्ची को सदमे में होने के करण उसको संस्थान में सुरक्षित रखा गया है। बच्ची जैसे ही सामान्य हो जाएगी उससे प्यार से पूछताछ किया जाएगा और जानकारी दी जाएगी। महिला सरकारी नौकरी होने के बावजूद इस तरह का कृत्य करती है ये दोबारा ऐसा कृत्य है, करीब आठ-नौ साल पहले भी उनके घर से एक बच्ची मिली थी। जिसको हम लोगों ने ही रेस्क्यू करके निकाला था अभी दुबारा उनके घर में इस प्रकार की घटना की सूचना मिली और बच्ची भी उसी जगह से मिली। इस प्रकार की मानसिकता उसकी है कि दूसरे बच्चों को लाके अपने घर में रखती है उसको प्रताड़ित करती है तो ये चिंतनीय विषय है। इसके बार में जो प्रावधान हैं अन्य अधिनियम है उसके तहत कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जायेगी।


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