RAIPUR. पंजाब के अजनाला प्रकरण और खालिस्तान के खुले समर्थन का नया चेहरा बने अमृतपाल को लेकर कांग्रेस ने गंभीर चिंता जताते हुए पूरे मामले को लेकर केंद्र सरकार और राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार को जवाबदेह ठहराया है। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार जान बूझकर यह चूक कर रही है, ताकि मसला खड़ा हो जाए जिसका फायदा राजनीति में मिले।
कांग्रेस ने कहा- SGPT का इस पर दोहरा मापदंड
कांग्रेस की ओर से पंजाब कांग्रेस के तीन शीर्षस्थ नेता सुखविंदर रंधावा, बाजवा सामने आए और उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को लेकर भी बेहद स्पष्ट कहा- हमने पहले भी पत्र लिखा है, हमने फिर आग्रह किया है कि इस पर तत्काल अपने स्टैंड स्पष्ट करे। दरअसल SGPT इस पर दोहरा मापदंड अपना रहे हैं, यह पहले प्रस्ताव पास कर चुके हैं कि किसी झगड़े की जगह पर गुरु ग्रंथ साहब को नहीं ले जाना है, तो यह कैसे हुआ।
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हैरानी है कि तमाम पत्राचार के बाद भी ये हालात बने
कांग्रेस ने कहा- भगवंत मान बीजेपी सरकार की कृपा और सुरक्षा पर हैं, और इसके कई कारण हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अक्टूबर में हम इस मसले पर पत्र लिख चुके थे, लेकिन इस पर कुछ नहीं किया गया। ये हैरानी है कि तमाम पत्राचार के बाद हालात ये बने कि अमृतपाल ने अजनाला थाना घुसने के पहले ऐलान किया कि हम यह करेंगे और उसने किया, थाने के भीतर घुस गए जो उसका समर्थक है, उसे जेल से सरकार ने छोड़ दिया।
हर बात का इलाज, राष्ट्रपति शासन कैसेः कांग्रेस
कांग्रेस की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जबकि यह सवाल हुआ कि क्या पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने लायक स्थिति है, इस पर कांग्रेस ने सिरे से इस बात को खारिज करते हुए प्रतिप्रश्न किया। हर बात का इलाज, राष्ट्रपति शासन कैसे? केंद्र और राज्य की जवाबदेही है न कि इसे काबू में करें, फिर ये राष्ट्रपति शासन की बात कैसे!