PRAYAGRAJ. उमेश पाल हत्याकांड में 4 दिन की पुलिस रिमांड पर लिए गए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में मेडिकल जांच कराने के लिए लाया गया था। इस दौरान माफिया अतीक अहमद और अशरफ की शनिवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। दोनों को पांच दिनों की रिमांड के दौरान मेडिकल जांच के लिए लाया गया था। गोली मारने वाले 3 शूटर्स मीडिया कर्मी बनकर आए थे। हत्या के बाद तुरंत तीनों ने सरेंडर कर दिया। हत्या के आरोपी लवलेश तिवारी बांदा, सनी हमीरपुर और अरुण उर्फ कालिया कासगंज का रहने वाला है।
लड़की को थप्पड़ मारने के केस में लवलेश जेल भी गया था
आरोपी लवलेश तिवारी के परिजनों से पूछताछ करने के लिए स्थानीय पुलिस उसके घर पहुंची। हत्याकांड के बाद शूटर लवलेश तिवारी के पिता ने कहा कि लवलेश का हमसे लेना-देना नहीं था। पांच से छह दिन पहले लवलेश बांदा स्थित घर आया था। पहले भी वो कभी-कभी घर आता था। पिता ने बताया कि वह नशा भी करता है। पिता ने बताया कि लवलेश तिवारी ने 2 वर्ष पहले एक लड़की को बीच चौराहे पर थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद उसके खिलाफ मामला चला और वह जेल भी गया था तभी से उसे मैंने त्याग दिया था। कक्षा 12वीं की पढ़ाई करने के बाद लवलेश तिवारी ने बीए में एडमिशन लिया था। मां बोली मंदिर जाता था मां आशा देवी ने कहा मेरे चार बेटे हैं लवलेश तिवारी तीसरे नंबर का मेरा लड़का है। पता नहीं उसके दिमाग में यह सब कैसे आ गया। लवलेश तिवारी के भाई वेद तिवारी ने बताया कि लवलेश बड़े भाई हैं। हमें उनसे कोई मतलब नहीं वह 1 हफ्ते पहले बांदा आए थे। पहले एक हिंदू संगठन में काम करते थे, लेकिन 6 साल पहले सदस्यता छोड़ दी थी इस समय कोई भी काम नहीं करते। वह एक हफ्ते पहले से ही घर से लापता है।
पहली गोली चलाने वाले सनी सिंह का गैंगस्टर सुंदर भाटी से संबंध
इन तीनों हमलावरों के नाम लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या है। वहीं सनी सिंह से जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा कि सनी सिंह सुंदर भाटी गैंग के लिए काम करता था। हमीरपुर जेल में बंद सुंदर भाटी से वह लगातार मिलता रहता था। सनी सिंह पर कुल 17 मामले दर्ज हैं और पिछले 12 सालों से वह जेल के चक्कर काट रहा है। बताया जा रहा है कि सनी सिंह ने ही अतीक अहमद पर पहली गोली चलाई थी। हालांकि सनी सिंह अभी पुलिस की हिरासत में है। वहीं सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने बड़ा बयान दिया है। पिंटू सिंह ने कहा, “मेरे भाई के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। वह अपनी जीविका चलाने के लिए कुछ नहीं करता था। इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में मेरे भाई का हाथ है।”
जीआरपी थाने के पुलिस कर्मी की हत्या के बाद से फरार था अरुण
अतीक अशरफ की हत्याकांड में शामिल हत्यारा अरूण उर्फ कालिया कासगंज के सोरों थाना क्षेत्र के गांव बघेला पुख्ता का रहने वाला था जो 6 साल से बाहर रह रहा था। अरूण के पिता का नाम हीरालाल बताया जा रहा है। जीआरपी थाने के पुलिस कर्मी की हत्या के बाद अरुण फरार हो गया था। वहीं हमीरपुर के रहने वाले दूसरे कातिल सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने बताया, 'यह कुछ नहीं करता था और इसके ऊपर पहले से भी मामले दर्ज हैं। हम लोग 3 भाई थे जिसमें से एक की मृत्यु हो गई। यह ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था। हम उससे अलग रहते हैं और बचपन में ही भाग गया था।'
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कौन है सुंदर भाटी?
सुंदर भाटी का संबंध नोएडा से है। बुलंदशहर, गाजियाबाद और पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों में सुंदर भाटी का एक समय में सिक्का चलता था। 90 के दशक में सुंदर भाटी का उदय हुआ और उसके बाद वह बड़े कारोबारियों से वसूली और रंगदारी मांगने लगा। सुंदर भाटी की पत्नी दनकौर से ब्लॉक प्रमुख भी रह चुकी हैं। सुंदर भाटी ने हरेंद्र प्रधान नाम के कारोबारी की हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि रंगदारी ना देने के बाद हरेंद्र की हत्या हुई थी और इसी मामले में 2021 में सुंदर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सुंदर भाटी पर 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। यही नहीं उसके गुर्गों और सुंदर भाटी पर कुल मिलाकर 150 से अधिक केस दर्ज है। बुलंदशहर, दिल्ली, मेरठ, फरीदाबाद सहित कई जगहों पर सुंदर भाटी और उसके गिरोह के खिलाफ मुकदमें दर्ज हैं। योगी सरकार के आने के बाद सुंदर भाटी गिरोह की करोड़ों की संपत्ति कुर्क की गई।
बड़ा माफिया बनना चाहते थे आरोपी!
अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि आरोपियों पर पहले कहां-कहां और किस तरह के मामले दर्ज हैं। पूछताछ में आरोपी बता रहे हैं कि वो बड़ा माफिया बनना चाहते हैं इसलिए वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने बताया, 'कब तक छोटे-मोटे शूटर रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया।' हालांकि पुलिस अभी पूरी तरह से इनके बयानों पर भरोसा नहीं कर रही है।
प्रोफेशनल थे तीनों शूटर
अतीक अहमद और भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों का क्रिमिनल बैकग्राउंड है। जिस तरह से इस वारदात को अंजाम दिया गया उससे एक बात तो तय है कि हत्यारे प्रोफेशनल शूटर थे। पहली ही गोली अतीक के सिर और भाई अशरफ के चेहरे पर मारी गई उससे यह भी पता चलता है कि हत्यारे जानते थे कि उन्हें कहां गोली मारनी है। जानकारों का कहना है कि वह चाहते तो सामने से भी गोली चला सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया उन्हें मालूम था कि सिर्फ सीने या शरीर के अन्य किसी हिस्से में गोली लगने पर दोनों बच भी सकते हैं। इसी वजह से उन्होंने पहली ही गोली सीधे टारगेट पर दागी। अतीक अहमद और अशरफ को मौत के घाट उतारने वाले तीनों शूटरों ने नाइन एमएम की पिस्टल का इस्तेमाल किया। मौके से तीन नाइन एमएम पिस्टल भी बरामद की गई। साथ ही इनके 11 कारतूस के खोखे भी बरामद हुए हैं।