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उज्जैन. साल 2025 खगोलीय घटनाओं के लिहाज से खास रहने वाला है। इस साल कुल चार ग्रहण होंगे, जिनमें दो सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण शामिल हैं। हालांकि, इन चारों में से केवल एक ही ग्रहण भारत में दिखाई देगा। उज्जैन की जीवाजी वेधशाला ने इसकी विस्तृत जानकारी दी है।
पहला ग्रहण: पूर्ण चंद्रग्रहण (14 मार्च)
साल का पहला ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण के रूप में 14 मार्च को होगा। यह ग्रहण सुबह 10:39:03 से शुरू होकर दोपहर 2:18:02 तक रहेगा। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिन के समय होगा, इसलिए इसे यहां देखा नहीं जा सकेगा। यह केवल प्रशांत महासागर और आसपास के क्षेत्रों में दिखेगा।
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दूसरा ग्रहण: आंशिक सूर्यग्रहण (29 मार्च)
2025 का दूसरा ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में 29 मार्च को होगा। यह दोपहर 2:20:08 पर शुरू होगा और शाम 6:13:06 पर समाप्त होगा। हालांकि, यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। इसे उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा।
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तीसरा ग्रहण: पूर्ण चंद्रग्रहण (7-8 सितंबर)
साल का तीसरा ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण के रूप में 7-8 सितंबर 2025 की रात को होगा। यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह साल का सबसे महत्वपूर्ण ग्रहण होगा। ग्रहण की शुरुआत 7 सितंबर को रात 9:56:08 पर होगी। मोक्ष की स्थिति 8 सितंबर को रात 1:26:08 पर आएगी। यह खगोलीय घटना भारत के साथ-साथ एशिया, यूरोप और अफ्रीका में भी देखी जा सकेगी।
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चौथा ग्रहण: आंशिक सूर्यग्रहण (21-22 सितंबर)
साल का चौथा और अंतिम ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में 21-22 सितंबर की रात को होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। ग्रहण की शुरुआत 21 सितंबर को रात 10:59:08 पर होगी और 22 सितंबर की रात 3:23:06 पर समाप्ति होगी। यह ग्रहण मुख्य रूप से अमेरिका और प्रशांत महासागर के आसपास के क्षेत्रों में देखा जा सकेगा।
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