चंडीगढ़. आम आदमी पार्टी (AAP) ने आखिरकार 18 जनवरी को अपने मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया। लोगों की राय के आधार पर अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान को पंजाब में अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया। मान संगरूर से सांसद हैं। आइए, उनके बारे में जानते हैं...
इस समुदाय से आते हैं: भगवंत मान इस समय पंजाब में AAP के सबसे बड़े नेता हैं। वे जट्ट सिख समुदाय से आते हैं। पंजाब की राजनीति में जट्ट सिख समुदाय 19% है। हालांकि, ये पंजाब का सबसे बड़ा वोट बैंक नहीं है, लेकिन पंजाब की राजनीति में ये समुदाय सबसे ताकतवर (Powerful) माना जाता है।
2011 में राजनीति में आए थे: भगवंत मान का जन्म 1973 में संगरूर जिले में हुआ था। वह पेशे से कॉमेडियन, एक्टर और राजनेता है। 2011 में उन्होंने राजनीति में एंट्री ली। इसके बाद वे संगरूर से 2 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। लोगों में काफी लोकप्रिय हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल पर गानों के रूप में हमला बोला था।
मालवा से हैं: पंजाब को 3 क्षेत्रों में बांटा जाता है- दोआबा, मालवा और माझा। मालवा बाकी दोनों क्षेत्रों से बड़ा है और 117 विधानसभा सीटों में से 69 सीटें इसी क्षेत्र में आती हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर माझा क्षेत्र आता है, यहां पर कुल 25 विधानसभा सीटें हैं। सबसे आखिर में दोआबा है, यहां पर 23 विधानसभा सीटें हैं। इतिहास गवाह है कि पंजाब में सत्ता पर मालवा का दबदबा हमेशा कायम रहा है। 1966 में हरियाणा के अलग होने के बाद से अब तक पंजाब में 18 मुख्यमंत्री बन चुके है, जबकि राज्य में 5 बार राष्ट्रपति शासन भी लगा है। मालवा क्षेत्र से 17 मुख्यमंत्री आए।
पत्नी से डिवोर्स: 2015 में मान ने अपनी पत्नी इंद्रजीत कौर से तलाक ले लिया था। उनके दो बच्चे भी हैं। इंद्रजीत, भगवंत मान की कई रैलियों और जनसभाओं में शामिल हुई थीं। जब उनके तलाक पर कोर्ट का निर्णय आया था तो उन्होंने कहा था- लंबे समय से पेंडिंग एक मसला हल हो गया है। मुझे एक परिवार और दूसरे परिवार में से किसी एक को चुनना था, मैंने पंजाब के साथ जाने का फैसला लिया।
शराब पीकर संसद जाने का आरोप: भगवंत मान पर एक बार संसद में शराब पीकर आने का आरोप भी लगा था। इस तरह के विवादों में घिरने के बाद मान ने एक जनसभा के दौरान मंच पर अपनी मां से कसम खाई थी कि वो अब शराब कभी नहीं पीएंगे। इस वाकये की पुष्टि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी की थी। सिसोदिया ने 2020 में ट्वीट किया था कि 1 जनवरी से उन्होंने संकल्प लिया कि वे अब शराब को हाथ नहीं लगाएंगे। उन्होंने मंच पर अपनी माताजी और पंजाब की जनता के सामने वादा किया कि अपना तन, मन, धन पंजाब की सेवा के लिए लगाएंगे।