NEW DELHI. 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से एक बड़ी चुनौती है नकदी (कैश) संकट की बताई जा रही है। कांग्रेस ने इस संकट से उबरने के लिए रणनीति बना ली है। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस जल्द ही एक राष्ट्रव्यापी क्राउड फंडिंग अभियान शुरू करने जा रही है।
विधानसभा चुनाव के बाद क्राउड फंडिंग
कांग्रेस पार्टी अगले महीने 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद क्राउड फंडिंग अभियान शुरू करेगी। नवंबर में तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में मतदान होने वाले हैं। वहीं सभी राज्यों के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। इसके बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारी में उतर जाएगी। इसके लिए फंड जुटाने के लिए अभियान चलाएगी।
एडीआर रिपोर्ट - कांग्रेस के पास 805.68 करोड़ रुपए की संपत्ति
कांग्रेस ने 2024 आम चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए 25 अन्य दलों के साथ गठबंधन किया है। चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं सहित देशभर के लोगों से पैसे जुटाने की योजना बना रही है। वकालत समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के पास 805.68 करोड़ रुपए की संपत्ति है। वहीं इसकी तुलना में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास 6046.81 करोड़ रुपए हैं। ऐसे में कांग्रेस फंड की व्यवस्था करने में जुट गई है।
वजह - लगातार कम हो रहा कांग्रेस का कॉर्पोरेट चंदा
फंड की कमी होने के पीछे की वजह भी सामने आई है। पिछले 7 सालों में कांग्रेस के लिए कॉर्पोरेट चंदा भी लगातार कम हुआ है, जबकि बीजेपी में लगातार बढ़ रहा है। पिछले 7 सालों में, बीजेपी द्वारा घोषित कॉर्पोरेट चंदा अन्य सभी राष्ट्रीय दलों के कुल चंदे से कम से कम 3 गुना ज्यादा है। वित्त वर्ष 2017-18 में ये अन्य सभी राष्ट्रीय पार्टियों से 18 गुना से भी ज्यादा था। हालांकि, इसके कोई नई बात नहीं है। आमतौर पर जो भी पार्टी सत्ता में होती है, उसे कॉर्पोरेट चंदा हमेशा ज्यादा मिलता है।
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आम आदमी पार्टी की राह पर कांग्रेस !
जनता से चंदा मांगने का कांग्रेस का कदम आम आदमी पार्टी (आप) की तर्ज पर प्रतीत होता है, जो ऑनलाइन चंदा मांगती है। पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भी इस रास्ते पर चली गई थी, क्योंकि उसके कुछ कार्यालयों को चलाने के लिए धन खत्म हो गया था। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने 'लंच विद सीएम' कार्यक्रम शुरू किया था। इसमें आम लोगों को अरविंद केजरीवाल के साथ लंच और डिनर करने का मौका मिला था। इसके बदले उन्हें पार्टी फंड में पैसे देने होते थे।