भोपाल. मध्यप्रदेश के आगामी पंचायत चुनाव (MP Panchayat election) कोर्ट के निर्णय में उलझे हुए हैं। 16 दिसंबर को एक बार फिर पंचायत चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट (Panchayat election hearing in supreme court) में पहुंच गया है। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 17 दिसंबर को करेगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुई याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वह दोबारा जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur Highcourt on panchayat election) जाएं। साथ ही निर्देश दिए थे कि हाईकोर्ट उक्त मामले की सुनवाई जल्द करे। याचिकाकर्ता जब हाईकोर्ट गए तो जबलपुर हाईकोर्ट ने तत्काल में मामले को सुनने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट 3 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करना वाला था।
दोबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता
हाईकोर्ट के रुख को देखने हुए याचिकाकर्ताओं ने फिर से सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया। सुप्रीम कोर्ट इस मामले को कल सुनेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए आदेश दिया है। आज याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस के सामने आवेदन पेश किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने उनका पक्ष रखा।
राज्य निर्वाचन आयोग से निवेदन
कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने सोशल मीडिया पर कहा कि "क्या मध्य प्रदेश सरकार और राज निर्वाचन आयोग को अपनी गलती का एहसास होने लगा है? जिला पंचायत अध्यक्षों का होने वाला आरक्षण स्थगित करते हुए 18 दिसंबर की नई तारीख दे दी गई है। हमारा सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से निवेदन है कि वह पंचायत चुनाव भी रोटेशन से कराने में विचार करें। मध्य प्रदेश में 2 साल से पंचायत प्रतिनिधि बनने की उम्मीद लगाकर बैठे लाखों उम्मीदवारों की उम्मीद और उनके अधिकारों की रक्षा करें।"
जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण शनिवार को
पंचायत राज संचालनालय ने 13 दिसंबर को पत्र जारी कर 14 दिसंबर को आयोजित जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के आरक्षण की कार्यवाही भी आगे बढ़ा दी है। संचालनालय ने सभी कलेक्टरों और जिला पंचायतों के सीईओ को जारी पत्र में स्पष्ट किया कि यह कार्यवाही अब 18 दिसंबर को होगी।
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :
द-सूत्र को फॉलो और लाइक करें:
">Facebook | Twitter | Instagram | Youtube