/sootr/media/post_banners/5213dc168169d91e69bf143a48de77a96e380c24a96aac358e950a31e76b6c50.jpg)
NEW DELHI. सुप्रीम कोर्ट ने संसद या विधानसभाओं में सांसदों, विधायकों को बोलने की पूरी छूट दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि संसद या विधानसभाओं में अपमानजनक बयान या मानहानि का कार्य कोई अपराध नहीं है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के सामने एक प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें कहा गया था कि संसद और विधानसभाओं में अपमानजनक बयान समेत हर तरह के काम को कानून से आजादी नहीं मिलनी चाहिए। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
सात जजों की पीठ ने खारिज किया प्रस्ताव
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा की सात जजों की पीठ ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई। कोर्ट ने कहा कि अगर जो करने का इरादा है वह एक अवैध काम है, तो ये एक आपराधिक साजिश है। इन अपमानजनक भाषणों को लेकर साजिश के बारे में जांच की जाएगी। झामुमो की विधायक सीता सोरेन के खिलाफ ‘वोट के बदले रिश्वत’ के आरोप से जुड़े एक मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ऐसा कहा।